महाकाल बाबा के दरबार में उड़ा हर्बल रंग, टेसू के रंगों से भक्त-भगवान सराबोर

भस्मआरती में भांग-चंदन के श्रृंगार के बाद जमा होली का रंग
उज्जैन में विराजित तीन लोकों के स्वामी भगवान श्री महाकालेश्वर के दरबार में इसबार रंगपंचमी पर भी रंग जमा। भूतभावन की भस्म आरती के पश्चात मंगलवार सुबह रंगपंचमी पर बाबा के दरबार में पंडे-पुजारी और भक्तों ने खूब रंग खेला।
महाकाल बाबा के दरबार की होली में हर्बल रंग का उपयोग हुआ। शुद्ध प्राकृतिक, यानी टेसू के फूलों से बना रंग। सुबह-सुबह जब होली का रंग जमा तो माहौल बृज की होली से कम नहीं था। सुबह भस्मारती में महाकाल को टेसू के फूलों से बना रंग चढ़ाया गया। पण्डे, पुजारी और श्रद्धालु हर्बल रंगों से सराबोर दिखे। टेसू से तैयार केसरिया रंग को गर्भगृह से नंदी हॉल तक उड़ाया गया। परंपरा के अनुसार सबसे पहले पुजारियों ने बाबा महाकाल को टेसू के फूलों से बना रंग लगाया। आरती के दौरान रंग को श्रद्धालुओं पर फेंका।
रंगपंचमी पर महाकाल का भांग, चंदन और सूखे मेवे से श्रृंगार किया गया। पंचामृत अभिषेक पूजन के बाद भस्म अर्पित की गई। त्रिनेत्र रूपी, मस्तक पर रजत त्रिपुण्ड और सिर पर शेषनाग रजत मुकुट धारण किया। रुद्राक्ष और फूलों की माला अर्पित की गई।