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कैलाश और चित्रकूट पर सवार बापू- देवाधिदेव को सुना रहे श्रीराम कथा

समाचार आज @ उज्‍जैन

संभवत: देश में पहली बार हो रहा है कि कोई संत बाहर ज्‍योतिर्लिंग पर जाकर श्री राम कथा सुना रहा हो। यह प्रयास किया है प्रसिद्ध कथाकार मुरारी बापू ने। बापू बारह ज्योतिर्लिंगों में एक साथ रामकथा सुना रहे है। ज्योतिर्लिंगों की यात्रा वे दो रेल गाड़ियां कैलाश और चित्रकूट से 1008 यात्रियों के साथ कर रहे हैं। यह ट्रेन 12 हजार किमी का सफर तय करते हुए ज्योतिर्लिंगों के अलावा जगन्नाथ पुरी, द्वारकापुरी और तिरुपति बालाजी धाम को भी जोड़ेंगी।

मोरारी बापू की इस अनोखी रामकथा के लिए विशेष रूप से दो ट्रेन कैलाश एक्सप्रेस व चित्रकूट एक्सप्रेस तैयार की गई हैं, जो कि 1008 श्रोताओं को साथ लेकर देश का आध्यात्मिक पर्यटन करवा रही है. पहली बार हो रही द्वादश ज्योतिर्लिंगों की इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत की विविधता में एकता दिखाना और सनातन धर्म की समझ को बढ़ावा देना है. भगवान राम का नाम हमारे देश के हर कोने में गूंजता रहे, और सभी के लिए शांति और सद्भाव के लिए प्रयास करें. इसी उद्देश्य के साथ यह यात्रा निकाली जा रही है।

100 से ज्‍यादा विदेशी भक्‍त भी शामिल

बापू की अपने भक्तों के साथ यात्रा अपने अंतिम पड़ाव पर है। ऋषिकेश से शुरू हुई यात्रा शनिवार 5 जुलाई को उज्जैन पहुंची। यहां स्टेशन पर बापू का जोरदार स्वागत किया गया। महाकाल मंदिर के पास सरस्वती स्कूल में सुबह 10.30 से दोपहर 1.30 बजे तक एक दिन की रामकथा का आयोजन किया गया। रामकथा वाचक मोरारी बापू की यह यात्रा विशेष ट्रेन से ऋषिकेश से शुरू हुई थी। विश्वनाथ, मलिक्कार्जुन, बैद्यनाथ, नागेश्वर, रामेश्वरम, भीमाशंकर, ओंकारेश्वर, घृष्णेश्वर, त्रयंबकेश्वर के बाद अब महाकालेश्वर और यहां से सोमनाथ ज्योर्तिलिंग तक जाएंगी। कैलाश नामक ट्रेन में बापू हैं। उनके साथ 301 भक्त भी शामिल हैं। इनमें 100 से अधिक विदेशी भक्त भी हैं।

बापू की ट्रेन की खासियत

इस ट्रेन को भारतीय रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन यानी (IRCTC) के सहयोग से तैयार किया गया है। इसमेंं 22 कोच हैं। 22 जुलाई से 7 अगस्त तक के लिए ट्रेन को बुक किया गया है। ट्रेन में सभी एसी कोच हैं। ट्रेन के बाहर रामकथा और यात्रा से जुड़ी बातें लिखी गई हैं। अंदर सुसज्जित किसी फाइव स्टार होटल की तरह रेस्टोरेंट है। स्लीपिंग कोच के पास विंडो सीट की और सोफे जैसी कुर्सियां भी इस स्‍टेशल ट्रेन के कोच में लगी हैं। ट्रेन में पहला कोच बापू के लिए आरक्षित है। पूरे कोच को वुडन फिनिश का वर्क कर डिजाइन किया गया है। खास बात यह है कि एक एसी कोच वॉलंटियर के लिए भी है। यह एसी तो है, लेकिन गद्दे बिछाकर सोना पड़ता है। ट्रेन में प्रेस, कपडे़ धोने की मशीन, रोजाना काम आने वाली सभी जरूरत का सामान मौजूद है। ट्रेन में एसी 1, एसी 2 और दो कोच एसी 3 के भी हैं। मुरारी बापू और यात्रियों की सेहत का ख्याल रखने के लिए डॉक्टर भी साथ हैं। रात को ट्रेन से सफर करते हैं। सुबह गंतव्य पर पहुंचते ही बाहर पहले से बुक की हुई कार स्टेशन पर खड़ी होती है। होटल की बुकिंग भी पहले से की गई है। ज्योतिर्लिंग में पहुंचते ही होटल में स्नान कर कथा पंडाल में पहुंचते है। यहां पर नाश्ते के बाद सभी दर्शन के लिए जाते हैं और फिर बापू की कथा सुनते हैं। इसके बाद लंच लेकर सभी ट्रेन पर पहुंच जाते हैं। ट्रेन में अमेरिका, लंदन, साउथ अफ्रीका सहित देश भर के भक्त शामिल हुए हैं। शनिवार को बापू की यात्रा उज्‍जैन पहुंची। यहां पर भगवान श्रीमहाकालेश्‍वर के दर्शन-पूजन के पश्‍चात भारत माता मंदिर के समीप स्‍कूल में श्रीराम कथा का आयोजन किया गया।

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