चंद्रयान की सफलता के लिए महाकालेश्वर से प्रार्थना

चंद्रयान की तस्वीर लेकर भस्मारती में पहुंचे, इसरो प्रमुख भी कर चुके हैं भगवान महाकाल की पूजा
हरिओम राय
समाचार आज @ उज्जैन
चंद्रमा के इष्टदेव भूतभावन भगवान महाकालेश्वर के दरबार एक बार फिर चंद्रयान-3 की सफलता के लिए प्रार्थना की गई है। बुधवार 23 अगस्त को महाकाल मंदिर में सुबह 4 बजे होने वाली भस्मारती में कई लोग चंद्रयान की तस्वीर लेकर पहुंचे और भगवान महाकाल से यान की लेंडिंग की सफलता की प्रार्थना की गई। इसके पहले 14 जुलाई को जब चंद्रयान रवाना हुआ था तब भी भगवान महाकाल का अनुष्ठान किया गया था। इसरो प्रमुख डॉ श्रीधर सोमनाथ भी अभियान के सफलता के लिए 24 मई को यहां आकर पूजन-अर्चन कर चुके हैं।
करीब 40 दिन के सफर के बाद बुधवार को चांद की सतह पर चंद्रयान की लैंडिंग होने जा रही है। बुधवार को शाम 6 बजाकर 4 मिनट पर चांद की सतह पर पहुंचेगा। लैंडर और रोवर चांद के एक दिन यानी धरती के 14 दिन के लिए एक्टिवेट हो जाएंगे। चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग में सफलता मिलते ही अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा।

तस्वीर लेकर मंदिर पहुंच गये लोग
देश भर के लोग चंद्रयान की सॉफ्ट लैंडिंग के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। इसके लिए उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के दौरान विशेष पूजन अर्चन किया गया। पंडित यश गुरु ने बताया कि भस्म आरती के दौरान श्रद्धालु और भारतवासियों की मंशा अनुसार चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के लिए भगवान महाकाल का पूजन अभिषेक कर भस्म आरती लैंडिंग की उलटी गिनती शुरू होने के बाद विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग के लिए प्रार्थना की गई।

इसरो चीफ भी कर चुके हैं प्रार्थना
इसरो चीफ डॉ. एस. सोमनाथ बीती 24 मई को उज्जैन आए थे। उन्होंने महाकालेश्वर सहित अन्य मंदिरों के दर्शन किए थे। इसरो प्रमुख ने महाकाल मंदिर में चंद्रयान 3 की सफलता के लिए कामना की थी। मान्यता है कि चंद्रदेव के इष्ट देव भगवान महाकाल हैं। भगवान महाकाल के आशीर्वाद से ही चंद्रदेव को नया जीवन मिला था। चंद्रदेव की भक्ति से प्रसन्न होकर ही महादेव ने उन्हें अपने मस्तक पर धारण किया था। इस कारण चंद्रयान मिशन की सफलता के लिए महादेव का आशीर्वाद भी जरूरी है।

कुण्डेश्वर महादेव पर भी की गई थी पूजन
14 जुलाई को चंद्रयान-3 की सफलता के लिए उज्जैन के कुण्डेश्वर महादेव मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की गई थी। जिसमें यहां शिवलिंग की पूजा और अभिषेक कर चंद्रयान की बिना विघ्न लैंडिंग के लिए मंत्रों का जाप भी किया गया था। पूजा के दौरान चंद्रयान के मॉडल को भी रखा गया था।
