बांके बिहारी के वीआईपी दर्शन बाउंसर करा रहे, खुलेआम विज्ञापन भी निकाला
बांके बिहारी मंदिर प्रशासन की शिकायत पर मथुरा पुलिस ने दो बाउंसर को किया गिरफ्तार

वृंदावन के श्री बांके बिहारी मंदिर Banke Bihari temple में VIP कल्चर इस कदर बढ़ गया कि इसके लिये सुरक्षा एजेंसी विज्ञापन देकर दर्शनार्थियों को बुलाने लगी। इस बात की जानकारी जब मंदिर प्रशासन को लगी तो मामला पुलिस तक पहुंचा। पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
मंदिर में कार्यरत निजी सुरक्षा एजेंसी ने वीआईपी दर्शन प्रथा का फायदा उठाने के लिये ऐसा किया था। निजी सुरक्षा कर्मी उपलब्ध कराने वाली सुरक्षा एजेंसी ने रुपए लेकर बांके बिहारी के वीआईपी दर्शन कराने के लिए बाउंसर उपलब्ध कराना शुरू कर दिया। मंदिर प्रबंधक की शिकायत के बाद शुक्रवार 6 जून 2025 को वृंदावन पुलिस ने दो बाउंसर को गिरफ्तार कर लिया।
बांके बिहारी के वीआईपी दर्शन के लिये सोशल मीडिया पर किया प्रचार
बांके बिहारी के आम लोगों को वीआईपी दर्शन कराने के लिए माधव बाउंसर कंपनी ने सोशल मीडिया पर विज्ञापन पोस्ट की। जिसमें लिखा कि बांके बिहारी के भीड़ से बचकर वीआईपी दर्शन करने हैं तो उनके बाउंसर इसके लिए मौजूद हैं। इसके लिए बाकायदा शुल्क भी लिया जाने लगा। फेसबुक,इंस्टाग्राम पर बनाए गए पेज पर जब इस तरह के फोटो,वीडियो शेयर किए गए तो मामल मंदिर प्रबंधन के संज्ञान में पहुंचा। बांके बिहारी जी के निजी सुरक्षा एजेंसी द्वारा वीआईपी दर्शन कराने की जानकारी मिलते ही मंदिर के प्रबंधक मुनिश कुमार ने इसकी वृंदावन पुलिस से शिकायत की और धारा धारा 308(2) में मुकद्दमा दर्ज करा दिया। इसके बाद पुलिस इन बाउंसर की तलाश में जुट गई। पुलिस ने शुक्रवार 6 जून 2025 की देर शाम दो बाउंसर को गिरफ्तार कर लिया। थाना वृंदावन कोतवाली की ओमेक्स चौकी प्रभारी अमित कुमार ने इस मामले में माधव बाउंसर ग्रुप के रोहित पुत्र डालचंद निवासी कोसी व लक्की उर्फ छोटू पुत्र जगदीश निवासी सौंख रोड उस्फार थाना हाईवे को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने गिरफ्तार किए गए दोनों बाउंसर को जेल भेज दिया।
वीआईपी दर्शन के रेट 1000 से 1600 रुपए तक
बांके बिहारी जी के भीड़ से बचकर वीआईपी दर्शन करने के लिए एजेंसी ने बाकायदा रेट भी फि़क्स किए हुए थे। एजेंसी ने एक बाउंसर के एक हजार रुपए, महिला बाउंसर के 1200 और बंदूकधारी सुरक्षा कर्मी के 1600 रुपए रखे गए। इसके अलावा वीआईपी दर्शन करने के प्रति व्यक्ति 200 रुपए अलग से थे।