मध्यप्रदेश

राजा की हत्या के 14 दिन बाद तक इंदौर में रही थी सोनम

राजा की हत्या का मास्टरमाइंड राज कुशवाह, प्रेस कॉफ्रेंस में मेघालय पुलिस का दावा शादी के 11 दिन पहले बना लिया था प्लान

इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा की हत्या के मामले में शिलांग पुलिस ने गुरुवार 12 जून 2025 की शाम बड़े खुलासे किये हैं। पुलिस का दावा है कि राजा रघुवंशी की हत्या का मास्टरमाइंड सोनम का प्रेमी राज कुशवाह है। उसने राजा और सोनम की शादी के 11 दिन पहले मर्डर का प्लान बना लिया था। यह खुलासा मेघालय पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने किया है।

गुरुवार को मेघालय के शिलॉन्ग में एसपी विवेक स्येम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि तीन आरोपी विशाल चौहान, आकाश राजपूत और आनंद कुर्मी 19 मई को ही शिलॉन्ग पहुंच गए थे। बता दें कि 11 मई को शादी के बाद 21 मई को राजा-सोनम शिलॉन्ग पहुंचे थे। 23 मई को परिवार से आखिरी बात हुई थी। 2 जून को राजा का शव मिला था। 17 दिन से गायब सोनम 9 जून को गाजीपुर में मिली थी। इसके बाद ही हत्याकांड का खुलासा हुआ था।

हत्या के बाद 25 मई को इंदौर आ गई थी सोनम

पुलिस ने बताया कि राजा की हत्या के बाद सोनम 25 मई को इंदौर पहुंची। यहां वह 7 जून तक रही। इसके बाद राज के साथ ही गाजीपुर गई। मेघालय के ईस्टर्न रेंज के डीआईजी डेविस एनआर मारक ने कहा- इस केस में गिरफ्तार आरोपियों के अलावा अन्य लोगों की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता। उधर, सोहरा थाने में पुलिस ने स्कूटी किराए पर देने वालों के बयान लेने शुरू कर दिए हैं।

पुलिस ने सबूत दिखाये तो रो पड़ी सोनम

मेघालय की डीजीपी इदाशीशा नोंग्रांग ने कहा- राजा रघुवंशी और उनकी पत्नी सोनम ने लापता होने से पहले अपना सूटकेस सोहरा के एक होम स्टे में छोड़ा था। उसमें मिले मंगलसूत्र और अंगूठी ने केस को सुलझाने में मदद की। एक विवाहिता का गहने छोडऩा हमें संदिग्ध लगा। इस हत्याकांड की साजिश इंदौर में रची गई इसलिए मेघालय पुलिस सोनम को अगले कुछ दिन में इंदौर ले जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक बुधवार सुबह जब 11 बजे सोनम से पूछताछ की गई तो उसने खुद के साथ डकैती होने का दावा किया। लेकिन, जब पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, कॉल रिकॉर्ड, मौका-ए-वारदात से मिला रेनकोट, खून से सनी शर्ट जैसे सबूत दिखाए तो वो चीख-चीखकर रोने लगी।

गुना से इंदौर आये थे पिता, किराने की दुकान खोली और गृहस्थी बसाई

सोनम का परिवार मूल रूप से गुना जिले का रहने वाला है। करीब 45 साल पहले उसके पिता देवीसिंह इंदौर आए। उन्होंने पहले फर्नीचर का काम किया और फिर किराने की दुकान खोली। यहीं उन्होंने चुन्नीबाई से शादी की। सोनम बचपन में अपने पिता की किराने की दुकान पर बैठती थी। इस दौरान वह कई बार ग्राहकों से उलझ जाती थी। कोई अगर घर के बाहर उसकी गाड़ी हटाने को कहता, तो वह झगडऩे पर उतर आती थी।उसके इस व्यवहार को लेकर पिता कई बार उसे समझा चुके थे। बेटा गोविंद और बेटी सोनम बड़े हुए तो दोनों दुकान पर बैठने लगे। सोनम ने कॉलेज की पढ़ाई भी इंदौर में ही की। देवीसिंह इलाके में ब्याज पर पैसे भी देता था। सोनम खुद लोगों से पैसे वसूलती थी।

भाई ने शुरू किया प्लायवुड का बिजनेस

5-6 साल पहले जब भाई गोविंद ने अपना प्लायवुड का बिजनेस शुरू किया और घर की आर्थिक स्थिति सुधरी, तब भी सोनम का स्वभाव ज्यादा नहीं बदला। कुछ पड़ोसियों ने बताया कि सोनम का रहन-सहन लडक़ों जैसा था। वह लडक़ों जैसे कपड़े पहनती और लडक़ों के साथ ही घूमती थी। राज कुशवाह से उसकी दोस्ती काफी बाद में हुई थी, उससे पहले भी उसके कई दोस्त थे। सहेलियों का आना-जाना उसके घर बहुत कम था। पिता देवीसिंह उस पर सख्ती रखते थे, जबकि भाई गोविंद का व्यवहार सामान्य था।

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