cashless treatment scheme : सडक़ दुर्घटना पीडि़तों के लिये नकदी रहित उपचार स्कीम मध्यप्रदेश में लागू
cashless treatment scheme : परिवहन सचिव ने समस्त कमिश्नर और कलेक्टर को जारी किये दिशा-निर्देश

cashless treatment scheme : सडक़ दुर्घटना पीडि़तों के लिए नकदी रहित उपचार योजना के क्रियान्वयन के लिए परिवहन सचिव ने कलेक्टर्स को निर्देश जारी किये हैं। 18 जून 2025 को जारी निर्देश में कहा गया है कि सडक़ दुर्घटना पीडि़तों को नकदी रहित उपचार स्कीम के संबंध में उनके अधीनस्थ अधिकारी को यह जिम्मेदारी दी जाये। इसके साथ ही प्रकरणों की नियमित मॉनीटरिंग की जाये। संभाग के सभी कमिश्नर को इस व्यवस्था की नियमित मॉनीटरिंग किये जाने के लिये भी कहा गया है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बनी है योजना
सडक़ सुरक्षा और दुर्घटनाओं को रोकने के लिये सर्वोच्च न्यायालय द्वार समय-समय पर निर्देश दिये जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी सम्पूर्ण देश में इसकी नियमित मॉनीटरिंग कर रही है। यह कमेटी विभिन्न राज्यों से रिपोर्ट प्राप्त कर सडक़ सुरक्षा संबंधी विभिन्न योजनाओं और सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी गाइड-लाइंस की समीक्षा कर सर्वोच्च न्यायालय में प्रतिवेदन प्रस्तुत करती है। प्रदेश स्तर पर मुख्य सचिव द्वारा लगातार बैठक कर इसकी समीक्षा की जा रही है।
उज्जैन बना धार्मिक पर्यटकों की पहली पसंद, एक साल में 7.32 करोड़ सैलानी आये
5 मई, 2025 को जारी हो चुकी है अधिसूचना
केन्द्र सरकार ने स्कीम की अधिसूचना 5 मई, 2025 और मार्गदर्शक सिद्धांत अधिसूचना 4 जून, 2025 को जारी की है। इसके लिये यूजर मैनेजमेंट पोर्टल भी तैयार किया गया है। सडक़ दुर्घटना प्रकरणों में जहाँ दोषी मोटरयान के पास वैध तृतीय पक्ष बीमा कवरेज था, उसका भुगतान केन्द्र सरकार द्वारा साधारण बीमा कंपनियों के सहयोग से किया जायेगा। जिन प्रकरणों में यह बीमा नहीं है, वहाँ भुगतान स्टेट हेल्थ एजेंसी (एसएचए) अस्पताल के दावे को मंजूरी दिये जाने के 10 दिनों की समयावधि में जिला कलेक्टर्स के अनुमोदन से जिला स्तर पर ही किया जायेगा।