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महाकाल मंदिर की नवनिर्मित टनल में पीओपी छत गिरी, नीचे से गुजर रहे थे दर्शनार्थी

महाकाल मंदिर में गुणवत्ताहीन कामों के परिणाम आने लगे हैं सामने, छत टपकने के कारण हुआ हादसा, मंदिर ने तुरंत दर्शन व्यवस्था बदली

उज्जैन के श्री महाकाल मंदिर में रविवार २२ जून २०२५ की सुबह नवनिर्मित टनल के निष्कासन द्वार के पहले छत पर लगी पीओपी टूटकर गिर गई। घटना के वक्त नीचे से दर्शनार्थी भी गुजर रहे थे। शुक्र है भगवान महाकाल का कि कोई भी दर्शनार्थी हादसे में हताहत नहीं हुआ है।

श्री महाकाल मंदिर में एक टनल इस लिये बनाई गई थी कि सावन-भादौ, महाशिवरात्रि, नागपंचमी आदि मौकों पर भीड़ ज्यादा होने की स्थिति में दर्शनार्थियों को आसानी से अंदर प्रवेश कराकर तुरंत ही बाहर कर दिया जाये। जिम्मेदारों ने दावा किया था कि इस टनल से दर्शन व्यवस्था में काफी सुधार आयेगा और चंद मिनटों में ही दर्शन कराये जा सकेंगे। इसे बनाने के फायदे तो जिम्मेदारों ने गिनाये लेकिन निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की ओर ध्यान नहीं दिया। जिसके परिणाम अब सामने आने लगे हैं। टनल पहली ही बारिश में टपकने लगी है और इस कारण रविवार २२ जून को पीओपी छत भरभरा कर नीचे गिर गई।

नीचे से गुजर रहे थे दर्शनार्थी, शुक्र है महाकाल का किसी को खरोंच नहीं आई

पीओपी छत गिरने का हादसा गणेश मण्डपम से बाहर की ओर जाने वाले टनल के हिस्से में हुआ है। रविवार सुबह करीब 8 बजे अचानक पीओपी छत गिर गई। मौके पर मौजूद कर्मचारियों ने तुरंत हालात को संभाला गया और दर्शनाथियों के बाहर जाने वाले रैंप का मार्ग बदला।

तुरंत दर्शन व्यवस्था बदली

मंदिर में बढ़ती भीड़ का कारण बताते हुए मंदिर समिति ने पिछले एक महीने से दर्शनार्थियों का आना-जाना मंदिर की नवनिर्मित टनल से निर्धारित किया था। घटना के बाद से तुरंत व्यवस्था में बदलाव किया। जहां पर पीओपी गिरी वहां पर हरी नेट लगाकर रास्ता बंद कर दिया गया और रैंप से होकर दर्शनार्थियों को बाहर निकालना प्रारंभ किया है।

कई स्थानों पर बूंद-बूंद टपक रहा है पानी

महाकाल मंदिर में मंदिर विस्तारीकरण योजना के तहत करोड़ों रुपए के निर्माण कार्य किये गये हैं। इन निर्माण कार्यों की हालत यह है कि इनमें अभी से ही बूंद-बूंद पानी टपक रहा है। जबकि तेज और लंबी बारिश का दौर तो अभी शुरू ही नहीं हुआ है। नवनिर्मित टनल, नंदी हाल सहित कई स्थानों पर पानी टपकता देखा जा सकता है।

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खुद ही जिम्मेदार, किस पर कार्रवाई करें

महाकाल मंदिर में अधिकतर निर्माण काम स्मार्ट सिटी, उज्जैन विकास प्राधिकरण ने किये हैं। यहां के अधिकारी ही मंदिर के अफसर भी हैं। ऐसे में इन गुणवत्ताहीन निर्माण कार्यों पर कार्रवाई कौन करें। यह बड़ा सवाल है। खुद अधिकारी ही अपनी खामी ढांकने के लिये उस पर पर्दा डालने में जुट जाते हैं। रविवार की घटना के बाद भी यही हुआ।

वीआईपी टायलेट्स की टोटी खराब, दिन-रात बह रहा है पानी

श्री महाकालेश्वर मंदिर के प्रोटोकाल कार्यालय के सामने स्थित वीआईपी टायलेट्स के हालात रखरखाव के अभाव में खराब हो रहे हैं। करीब एक साल पहले ही यह भवन सार्वजनिक उपयोग के लिये प्रारंभ हुआ है। अभी से ही यहां लगे महंगे सेनेटरी आयटम खराब होने लगे हैं। टायलेट्स में लगे नल-टोटी खराब हो गये हैं और दिनरात इसमें से पानी बह रहा है। यहां गंदगी का भी अभाव बना हुआ है।

-हरिओम राय

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