मध्यप्रदेश

मां-बेटे और पोते के हत्यारों का सुराग नहीं

पुलिस के पास तफ्शीश की एकमात्र राह-लेन-देन का विवाद

समाचार आज । उज्जैन

उज्जैन शहर में हुए ट्रिपल मर्डर के केस ने पूरे पुलिस विभाग को उलझा दिया है। मंगलवार को तीनों अलग-अलग जगह से मिलने के बाद हत्यारों का सुराग तलाश रही पुलिस के सामने हत्या का सिर्फ एक कारण सामने आरहा है – लेनदेन का विवाद। और पुलिस अपनी इसी दिशा में आगे बढ़ रही है और सफलता की उम्मीद लगाए हैं।

हम आपकों बता दें कि उज्जैन शहर में मंगलवार को ट्रिपल मर्डर का केस सामने आया है। जिसमें इंगोरिया पुलिस को सबसे पहले नदी किनारे नाले में पिता राजेश नागर (50) और पोते पार्थ (21) की बरामद हुई थी। लाश को कार के सीट कवर, चादर और घांस से ढांकने का प्रयास किया गयाा। लाश के पास से ही पुलिस को मृतक राजेश का कीपेड मोबाइल भी मिला। मोबाइल पर डायल नंबर के आधार पर पुलिस को पता चला कि राजेश और पार्थ उज्जैन के जीवाजीगंज थाना क्षेत्र के हरिनगर में रहते हैं। देर रात पुलिस घर पहुंची तो वहां ताला लगा था। इसके बाद जीवाजीगंज पुलिस मंगलवार सुबह करीब दस बजे दोबारा वहां पहुंची तो पता चला कि घर तीन-चार दिन से बंद है और घर के सदस्य भी नहीं दिखे हैं। पड़ोसियों ने बताया कि घर में से बदबू भी आ रही है। इस शिकायत के बाद पुलिस ने घर का ताला तोड़ा तो घर के अंदर पंलग पेटी में से एक बुजुर्ग महिला का सड़ा-गला शव भी बरामद हुआ। पड़ोसियों ने बताया कि मृतक महिला सरोज पति सोहनलाल नागर है। पुलिस द्वारा बताए गये फोटो के आधार पर पड़ोसियों ने बताया कि इंगोरिया में मिली लाश सरोज के बेट राजेश और पोते पार्थ की है। ये दोनों भी तीन-चार दिन से किसी को नहीं दिखे हैं।

वरिष्ठ अधिकारियों के लिए चुनौती

इस घटना को वरिष्ठ अधिकारियों ने चुनौती के रूप में लिया है। डीआईजी और एसएसपी स्तर के अधिकारी इंगोरिया के घटनास्थल और जीवाजीगंज थाना क्षेत्र स्थित मृतकों के घर के आसपास के सीसीटीवी फुटेज पर नजर जमाए हैं। मंगलवार की शाम तक सरोज की मुंबई निवासी पुत्री भी उज्जैन पहुंच गई। अन्य रिश्तेदारों की मदद से मंगलवार देर शाम मृतकों का अंतिम संस्कार भी कराया गया। बुधवार की सुबह पुलिस हर मुद्दे पर छानबीन करने के बाद घटना का कारण सिर्फ लेन-देन का विवाद मान कर चल रही है। और इसी दिशा में अपने कदम आगे बढ़ा रही है। जीवाजीगंज टीआई गगन बादल ने बताया कि पुलिस जांच तेजी से चल रही है और जल्दी ही घटना का खुलासा हो सकता है।
सूत्रों के मुताबिक पुलिस जांच भले ही लेन-देन के विवाद को घटना का कारण मान रही हो लेकिन पड़ोसियों का कहना है कि राजेश नागर बड़े लेन-देन का कारोबार नहीं करता था। वही सिर्फ २५-५० हजार रुपए तक छोटे व्यापारियों को उधार देता था और रोज की किश्त बनाकर वसूली करता था। वसूली के लिए राजेश अपने पुत्र पार्थ के साथ ही घर से निकलता था। पड़ोसियों या अन्य रिश्तेदारों से भी उनके घनिष्ठ संबंध नहीं थे। लेकिन घटना के बाद घर जिस तरह से बिखरा मिला है उससे स्पष्ट है कि आरोपियों ने घटना को अंजाम देने के बाद घर में किसी चीज को तलाशा है। जो नकदी या जेवरात नहीं है। ऐसे में संभावना है कि आरोपियों को किसी दस्तावेज की तलाश हो। खैर, पुलिस को विश्वास है कि घटना का कारण जल्द ही सामने आयेगा और ये चौकाने वाला भी हो सकता है।

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