विधायक के बेटे करण मोरवाल के खिलाफ जान देने की धमकी दी रेप पीडि़ता ने

फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमानत लेने पर पीडि़त युवती ने पुलिस को कहा-दो दिन में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज नहीं किया तो सीएम हाउस के बाहर जान दे दूंगी
समाचार आज । उज्जैन
रेप के आरोप में जमानत पर छूटे बडऩगर से कांग्रेस के विधायक के बेटे करण मोरवाल की मुश्किलें फिर बढ़ सकती हैं। रेप पीडि़ता ने शुक्रवार को उज्जैन में आरोप लगाया है कि करण मोरवाल को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमानत मिली है। करण पर धारा 420 के तहत केस दर्ज होना चाहिए। इसके रेप पीडि़ता ने पुलिस को आवेदन दिया है। उसने कहा है कि यदि दो दिन में करण पर एफआईआर दर्ज नहीं हुई, तो वह सीएम हाउस के सामने जाकर सुसाइड कर लेगी।
जिले के बडऩगर तहसील से कांग्रेस विधायक मुरली मोरवाल के बेटे करण मोरवाल को रेप के मामले मे जमानत मिल चुकी है। अब पीडि़ता का दावा है कि करण को जमानत बडऩगर के सिविल अस्पताल में दर्ज फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर मिली है। करीब 2 माह पहले सिविल अस्पताल के एक डॉक्टर व कर्मचारियों को फर्जी डॉक्यूमेंट मामले में कलेक्टर आशीष सिंह निलंबित कर चुके हैं। रेप पीडि़ता का कहना है कि जमानत के बाद से लगातार आवेदन दे रही हूं कि अस्पताल के रजिस्टर में फर्जी एंट्री हुई है। करण मोरवाल पर धारा 420 के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए। उसे क्यों बचाया जा रहा है। हालांकि मामले में मंत्री डॉ. मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया, आईजी संतोष कुमार व कमिश्नर ने पीडि़ता को आश्वासन दिया है, निष्पक्ष जांच की जाएगी।
पुराना है मामला
विधायक के बेटे पर कांग्रेस कार्यालय में कामकाज संभालने वाली 23 साल की लडक़ी ने 2 अप्रैल 2021 को दुष्कर्म का केस दर्ज कराया था। युवती का आरोप है कि 14 फरवरी 2021 को करण उसे होटल में ले गया था। वहां उसने कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर युवती को पिलाया। इसके बाद वह उसे फ्लैट पर ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। गिरफ्तार होने के बाद करण मोरवाल ने बताया था कि वह 13 से 15 फरवरी तक बडऩगर के सिविल अस्पताल में भर्ती था। इसी आधार पर उसे जमानत मिल गई थी। प्रशासन ने मामले में जांच की थी। प्रारंभिक जांच में सीसीटीवी व अन्य दस्तावेज खंगाले गए। इन दस्तावेजों के फर्जी होने की आशंका में कलेक्टर ने बडऩगर के डॉक्टर व कर्मचारियों को निलंबित कर दिया था। मामले में 18 जनवरी को कोर्ट में सुनवाई होना है।