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killed-mother : मां को मार डाला, फिर मोक्ष के लिए शव लेकर गंगा किनारे पहुंच गया

killed-mother : सूटकेश में लाश रख 800 किमी. का सफर किया, लेकिन सफल नहीं हो सका

killed-mother : गुरुवार 15 दिसंबर को संगम के पास मां की लाश के साथ एक युवक को प्रयागराज पुलिस ने गिरफ्तार किया था। युवक ने हरियाणा में मां की गला दबाकर हत्या की। फिर नीले रंग के सूटकेस में लाश रखकर 800 किलोमीटर दूर प्रयागराज आ गया। वह संगम में लाश को बहाने जा रहा था, मगर पुलिस ने चेकिंग में उसे पकड़ लिया। आरोपी हिमांशु बिहार के गोपालगंज का रहने वाला है। उसने बताया कि मां से पांच हजार रुपए मांगे थे। उन्होंने नहीं दिए, इसलिए गला दबाकर मार डाला। आरोपी को नैनी जेल भेज दिया गया है।

आईआईटी की तैयारी कर रहा है आरोपी

आरोपी ने बताया, मैंने इसी साल इंटर पास किया है। मैं आईआईटी की तैयारी कर रहा। 2 साल से मां प्रतिमा देवी के साथ हरियाणा के हिसार में रहता था। मेरी बहन की शादी हो गई है। वह हिसार में ही रहती है। मां कॉटन मिल में नौकरी करती थी। पिता ओम प्रकाश सिंह बिहार में रहते हैं। वह मोतिहारी में देव धर्म कांटा पर नौकरी करते हैं। माता-पिता में अक्सर झगड़ा होता रहता है। खर्चे के पैसे भी नहीं मिल रहे थे। इसलिए मैं तनाव में रहता हूं। 13 दिसंबर को करीब 2 बजे मैंने मां से 5 हजार रुपए मांगे थे। उन्होंने रुपए देने से इनकार कर दिया। मगर, मैं जिद पर अड़ गया। इसके बाद मेरा मां से झगड़ा हो गया और गुस्से में मैंने उनकी गला दबाकर हत्या कर दी। अगर मैं मां को नहीं मारता, तो खुद को मार लेता।

मारना नहीं चाहता था मां को

पुलिस कस्टडी में पूछताछ ने हत्या के आरोपी बेटे ने बताया कि मैं मां को मारना नहीं चाहता था। गुस्से में मैंने उसका गला दबा दिया। इससे उनका दम घुट गया। जब वो मर गई, तो मैंने सोचा अब मेरा क्या होगा? मेरे ऊपर मां की हत्या का पाप लगेगा। मैंने सुन रखा था कि संगम में अस्थियां प्रवाहित करने पर मोक्ष मिलता है। इसीलिए शव लेकर संगम आ गया। मुझे लगा कि मां को मोक्ष मिल जाएगा। मुझे भी पाप से मुक्ति का मोक्ष मिल जाएगा। आरोपी हिमांशु बिहार के गोपालगंज का रहने वाला है। उसने बताया कि मां प्रतिमा देवी (50) से पांच हजार रुपए मांगे थे। उन्होंने नहीं दिए, इसलिए गला दबाकर मार डाला। आरोपी को नैनी जेल भेज दिया गया है।

सुना था- संगम में अस्थियां प्रवाहित करो तो मोक्ष मिलता है

हिमांशु ने पुलिस को बताया, मां का दाह संस्कार करता और बहन को बताता तो पकड़ा जाता। ऐसे में मैंने प्रयागराज जाने की प्लानिंग कर ली। घर में ही सूटकेस रखा था तो उसी में मां के शव के हाथ-पैर बांधकर रख दिया। 13 दिसंबर को हिसार से पहले ट्रेन से गाजियाबाद पहुंचा और फिर वहां से प्रयागराज की ट्रेन पकड़ ली। यहां स्टेशन पर रात करीब साढ़े 10 बजे पहुंचने के बाद मैंने संगम के लिए ई-रिक्शा बुक किया और निकल गया। सोचा दाह संस्कार न सही मां की डेड बॉडी को सीधे संगम में प्रवाहित कर देता हूं। यही सोचकर रात में करीब 12 बजे मैं संगम पहुंच गया। ई-रिक्शा वाला मुझसे बार-बार कह रहा था कि इतनी रात में संगम क्या जाओगे। नहाना ही तो है। सुबह जाकर नहा लेना। कहीं होटल में रुक जाओ। मैंने उससे कहा कि भैया मैं हिसार से संगम नहाने आया हूं। मुझे सुबह वापस लौटना है। मैं रात में ही नहाऊंगा। उसने मुझे संगम पर छोड़ा और वापस चला गया। रात को 12 बजे संगम पर काफी अंधेरा था। मैं डर भी रहा था। मुझे तैरना नहीं आता। मैं पानी से डरता हूं। ऐसे में मैं सोच ही रहा था कि क्या करूं। सूटकेस को जमीन पर छोड़कर मैं इधर-उधर टहल रहा था। कुछ समझ नहीं आ रहा था क्या करूं। कैसे संगम में मां के शव को डालूं। किनारे पर ही छोड़ूंगा तो शव पानी में नहीं बहेगा। इसी ऊहापोह में मैं परेशान हो रहा था। एक बार सोचा एक नाव खोलकर उसी में मां के शव को रखकर चला जाऊं। फिर सोचा नाव चलेगी कैसे। मेरे पास कुछ है भी तो नहीं। कैसे नाव खेऊंगा। तभी मुझे अंधेरे में किसी ने आवाज दी। कौन हो तुम? इतनी रात को अंधेरे में यहां क्या कर रहे हो? सूटकेस में क्या है? जब मैं पीछे मुड़कर देखा, तो दो पुलिस वाले अंकल खड़े थे। मैंने कहा कि कपड़ा है। इस पर पुलिस वालों ने सवाल पर सवाल करना शुरू किया। मैं डर गया और पुलिस को सब कुछ सच बता दिया। पुलिस ने मुझे अरेस्ट कर लिया और दारागंज कोतवाली ले आई।

कभी मुंह छिपाता तो कभी मुस्कुराता, कभी सिर पकड़ लेता हिमांशु

हिमांशु को दारागंज पुलिस ने शुक्रवार को दोपहर में प्रयागराज के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के कोर्ट में पेश किया। इंस्पेक्टर दारागंज जब उसे लेकर कोर्ट पहुंचे तो वहां मीडिया का जमावड़ा देखकर वह कभी अपना मुंह छिपा लेता तो कभी हल्का सा मुस्कुरा देता तो कभी सिर पकड़कर कोर्ट रूम में बैठ जाता। पुलिस कोर्ट रूम में रिमांड के लिए वह सूटकेस और उसका एयर बैग भी लेकर आई थी। जिसे लेकर वह संगम पहुंचा था। नीले रंग के सूटकेस में ही उसने अपनी मां के हाथ-पैर बांधकर उसका शव रखा था। बड़ी सफाई से वह मां का शव करीब 800 किलोमीटर हिसार से लेकर प्रयागराज संगम तक पहुंच गया। न तो उसे जीआरपी पकड़ पाई और न ही उस पर किसी को शक हुआ।

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