उज्जैन – इंदौर में मई महीने में बारिश का रिकार्ड टूटा
उज्जैन के साथ मध्यप्रदेश के 53 जिले मई माह में जमकर भीगे, कई रिकॉर्ड टूटे, 7 गुना अधिक बारिश

मध्यप्रदेश के साथ ही उज्जैन में साल 2025 के मई महीने में बारिश के कई रिकॉर्ड भी टूटे। मई उज्जैन में सबसे ज्यादा बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड बना। उज्जैन में इस बार मई में 111.8 मिमी यानी 4.3 इंच से ज्यादा पानी गिरा है। साल 2021 में कुल मासिक बारिश 65 मिमी (2.5 इंच) हुई थी। इस हिसाब से उज्जैन में मई की बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड बना है।
इंदौर में 139 साल में सबसे ज्यादा 4.6 इंच पानी गिरा
आंकड़े कह रहे हैं कि इंदौर में साल 1886 के मई महीने में 107.7 मिमी यानी 4.2 इंच पानी गिरा था जबकि इस बार 114.8 मिमी यानी 4.6 इंच पानी गिर गया है। इस तरह 139 साल में इंदौर का रिकॉर्ड टूट गया है। देवास में मई में कभी भी इतनी बारिश नहीं हुई। यहां पर इस बार 6.3 इंच से ज्यादा पानी गिर गया।
मध्यप्रदेश में पूरे मई महीने ओले-बारिश और आंधी के हालात
साल 2025 के पूरे मई महीने में मध्यप्रदेश में ऐसा ही मौसम रहा। एक भी दिन ऐसा नहीं गया, जब प्रदेश के किसी न किसी जिले में आंधी-बारिश न हुई हो। एमपी में ऐसा पहली बार हुआ। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर-जबलपुर समेत कुल 53 जिले भीग गए। सिर्फ निवाड़ी ही ऐसा जिला रहा, जहां बूंदाबांदी तो हुई लेकिन दर्ज नहीं हो सकी।
मध्यप्रदेश में अप्रैल में तेज गर्मी, मई में मौसम ठंडा
मौसम विभाग के मुताबिक इस साल अप्रैल में जितनी गर्मी थी, उतनी मई में नहीं रही। अप्रैल में कई शहरों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। पिछले सालों की डेटा स्टडी से पता चलता है कि मई में निवाड़ी के पृथ्वीपुर, छतरपुर के नौगांव, खजुराहो, निवाड़ी, ग्वालियर, राजगढ़, दतिया, टीकमगढ़, सतना, दमोह, उज्जैन, गुना, शाजापुर, खंडवा, खरगोन जैसे कई शहरों में पारा 46 से 48 डिग्री सेल्सियस या इसके पार पहुंच चुका है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ।
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मई में मध्यप्रदेश में तापमान 43 डिग्री तक भी नहीं पहुंचा
साल 2025 के मई महीने में प्रदेश के किसी भी शहर में दिन का तापमान 43 डिग्री सेल्सियस तक नहीं पहुंचा। नौतपा में भी गर्मी नहीं रही। मध्यप्रदेश के नौगांव, खजुराहो, टीकमगढ़, ग्वालियर, दमोह, शिवपुरी जैसे शहरों में ही पारा 40 डिग्री के पार पहुंचा। बाकी शहरों में इससे काफी नीचे रहा। मई में भीषण गर्मी की बजाय आंधी-बारिश होने के पीछे क्या वजह रही। मौसम विभाग के मुताबिक मई की शुरुआत से आखिरी तक प्रदेश में साइक्लोनिक सर्कुलेशन, वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) और टर्फ की एक्टिविटी देखने को मिली। लगातार सिस्टम एक्टिव होते रहे। इस वजह से आंधी-बारिश का दौर भी चलता रहा। आखिरी दिन भी कुछ जिलों में मौसम बदला रहा।