मध्यप्रदेश

चिटफंड कंपनी साईं प्रसाद के चेयरमैन को 250 साल की सजा

सीहोर कोर्ट ने 6.50 लाख जुर्माना भी लगाया, उज्‍जैन में भी कर चुके हैं फ्रॉड

समाचार आज

सीहोर की साईं प्रसाद कंपनी के चेयरमैन को विशेष कोर्ट ने 250 साल के कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने 6 लाख 50 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है। यह सजा निवेशकों से धोखाधड़ी कर उनका पैसा हड़पने के लिए सुनाई गई है। बाला साहब भापकर समेत कंपनी के दीपसिंह पिता गंगाधर वर्मा, लखनलाल पिता देवीलाल वर्मा, जितेंद्र पिता रामचरण वर्मा, राजेश पिता भगवत परमार, बाला साहब पिता केशवराव भापकर निवासी पुणे महाराष्ट्र पर दोषसिद्ध किया है। साईं प्रसाद चिटफंड कंपनी है।

निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने वाले साईं प्रसाद कंपनी के खिलाफ सीहोर कोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने कंपनी के चेयरमैन को 250 वर्ष की सजा सुनाई है। सीहोर के इतिहास में अब तक किसी को इतनी सजा नहीं सुनाई गई। कोर्ट ने आरोपी चेयरमैन को 6 लाख 0,000 रुपये के जुर्माने से भी दंडित किया। सीहोर के विशेष न्यायालय संजय कुमार शाही ने साईं प्रसाद धोखाधड़ी मामले में निर्णय सुनाते कंपनी के चेयरमेन के. बाला साहब भापकर के साथ-साथ कंपनी की सीहोर शाखा के कर्मचारीगण क्रमश: दीपसिंह वर्मा पिता गंगाधर वर्मा निवासी ग्राम लसूडि़या परिहार, लखनलाल वर्मा पिता देवीलाल वर्मा निवासी. ग्राम खैरी, जितेंद्र कुमार पिता रामचरण वर्मा निवासी ग्राम काकडखेड़ा, राजेश पिता भगवत परमार, बाला साहब भापकर पिता केशवराव भापकर निवासी पुणे महाराष्ट्र को दोषी पाया।

पांच साल में पैसा दोगुना होने का झांसा दिया

अभियोजन के मीडिया सेल प्रभारी केदार कौरव ने बताया गया कि अभियुक्तगण दीप सिंह वर्मा, राजेश उर्फ चेतनारायण परमार, लखन लाल वर्मा, जितेन्द्र कुमार वर्मा एवं बाला साहब भापकर ने 17 नवंबर 2009 से लेकर 13 माच 2016 के दौरान आपस में मिलीभगत एवं षडयंत्र करके सांई प्रसाद प्रापर्टी कंपनी लि. का अपने आपको चेयरमेन, निदेशक, सीएमडी, एजेंट बताकर सीहोर जिले के आसपास के गांवों के निवेशकों को साई प्रसाद कंपनी में पैसा निवेश करने और पांच साल में राशि दुगना हो जाने का भरोसा दिया।

कंपनी के दफ्तर पर ताला लगा मिला

निवेशकों से पैसा जमा कराने के बाद और कंपनी द्वारा दी गई पॉलिसी की परिपक्वता अवधि पूर्ण होने पर जब निवेशक कंपनी के सीहोर स्थित कार्यालय पहुंचे तो पाया कि कंपनी के कार्यालय में ताले लगे थे। इसके बाद निवेशकों द्वारा आरोपीगणों से संपर्क करने पर उनके द्वारा आश्वासन दिया गया कि उनका पैसा मिल जाएगा। जब निवेशकों को उनका पैसा नहीं प्राप्त हुआ तो थाना कोतवाली में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई।

धारा 420 में प्रकरण दर्ज किया गया

निवेशकों की शिकायत पर आरोपी दीपसिंह, जितेन्द्र कुमार, लखनलाल वर्मा, राजेश उर्फ चेतनारायण परमार के विरुद्ध धारा 420 के अंतर्गत अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान कंपनी के डायरेक्टर बाला साहब भापकर समेत सभी आरोपीगणों के खिलाफ धारा 420, 409, 120-बी भादंवि, धारा 6 म.प्र. निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 के अंतर्गत अभियोग-पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

28 गवाहों व दस्तावेजों के आधार पर सजा

अभियोजन पक्ष द्वारा अपने समर्थन में विचारण के दौरान निवशकों सहित कुल 28 साक्षीगणों की गवाही कराई गई एवं 325 दस्तावेजों को प्रमाणित कराया गया। अभियोजन पक्ष की दलीलों व सबूतों से सहमत होकर विशेष न्यायालय,संजय कुमार शाही ने अभियुक्तगण दीपसिंह वर्मा पिता गंगाधर वर्मा, लखनलाल वर्मा पिता देवीलाल वर्मा, जितेन्द्र कुमार पिता रामचरण वर्मा, राजेश पिता भगवत परमार को धारा 420 सहपठित धारा 120 बी भादंवि में 5-5 वर्ष एवं 50,000-50,000 रुपये के अर्थदण्ड से एवं आरोपी बाला साहब भापकर पिता केशवराव भापकर नि. साई दरबार बंगलो, चिंचवड़ पुणे को धारा 420/120 बी भादंवि में 5-5 वर्ष, एवं 50,000-50,000 रुपये अर्थदण्ड, धारा 409 भादंवि में 10 वर्ष व अर्थदण्ड, एवं धारा 6 निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम में 10 वर्ष वर्ष के सश्रम कारावास एवं पांच लाख रुपये जुमाने के साथ कुल 250 वर्ष की सजा एवं 6,50,000 रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। शासन की ओर से पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी प्रमोद अहिरवार ने की।

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