उज्जैन

कत्थक फेस्टिवल में बिखरा इंद्रधनुष

समाचार आज। उज्जैन

प्रतिकल्पा सांस्कृतिक संस्था द्वारा आयोजित इंद्रधनुष कत्थक फेस्टिवल के तहत गुरु गोकुल कला मंडप में शास्त्रीय कथक नृत्य की प्रस्तुतियों का आयोजन किया गया।

संस्कृति मंत्रालय नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. बालकृष्ण शर्मा ने कहा कि नृत्य की साधना आनंदमयी तपस्या है। भारतीय संस्कृति एवं संस्कारों को पोषित करने में शास्त्रीय नृत्य कला का विशेष योगदान है। विशिष्ट अतिथि शिक्षा महाविद्यालय के भूतपूर्व प्राचार्य बृजकिशोर शर्मा थे। अतिथियों का स्वागत संस्था अध्यक्ष डॉ. शिव चौरसिया तथा संस्था सचिव कुमार किशन ने किया। प्रतिकल्पा संस्था के पितृपुरुष गुलाब सिंह यादव व गोकुल प्रसाद के चित्र पर माल्यार्पण के बाद कार्यक्रम की शुरुआत की गई। सर्वप्रथम कृष्ण स्तुति जयवी व्यास, रवीना परमार तथा अनुष्का सोलंकी ने प्रस्तुत की। इसके पश्चात ईशान्वी राठौर और रिद्धिमा खंडेलवाल ने तिरवट पेश की। नन्हे कलाकारों ने तीन ताल में शुद्ध कथक पेश किया। इस प्रस्तुति में नक्श नामदेव, प्रियल खत्री, आरवी पंथी, पहल उपाध्याय, माही नामदेव, वैष्णवी नामदेव एवं साक्षी चांद्रायण ने भाग लिया। चौथी प्रस्तुति चतुरंग की हुई, जिसे आकांक्षा सोनी, नैना सिंह, अमूल्या जैन, खुशी पुरोहित और महिमा झांजी ने पेश किया। अंतिम प्रस्तुति पंचम सवारी ताल में निबद्ध शुद्ध कत्थक नृत्य संस्था की वरिष्ठ नृत्यांगनाओं द्वारा किया गया। जान्हवी तैलंग ,अदिति सिंह जादौन और ईशा व्यास द्वारा पंचम सवारी में तोड़े -टुकड़े तथा द्रुत लय-तीन ताल में तत्कार के प्रकार प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम का संचालन लोकेश सिंह तोमर ने किया। हारमोनियम पर सीएल शिवालिया तथा तबले पर विवेक धवन ने संगत की। प्रस्तुतियों का नृत्य निर्देशन डॉ. पल्लवी किशन एवं लोकेश सिंह तोमर ने किया। आभार संस्था सचिव कुमार किशन ने माना। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में संस्था के सदस्य प्रतिकल्पा के कलाकार तथा उनके अभिभावक मौजूद रहे।

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