उज्जैन

महाकाल मंदिर में शिखर दर्शन प्रांगण बेहतर विकल्प है फोटोग्राफी के लिए

महाकाल मंदिर में मोबाइल प्रतिबंध से आम दर्शनार्थियों की मुसीबतें और बढ़ी, सुरक्षाकर्मियों से हो रहे हैं विवाद

उज्जैन के महाकाल मंदिर Mahakal temple में मोबाइल प्रतिबंध के कारण आम दर्शनार्थियों की मुसीबत बढ़ गई है। अब उन्हें दर्शन के पहले मोबाइल जमा करने के लिए कतार से जूझना पड़ रहा है। जिसमें करीब एक घंटा खराब हो रहा है। इतना ही वक्त मोबाइल वापस लेने में भी लग रहा है।

हाल ही में महाकाल मंदिर में समिति ने मोबाइल ले जाना प्रतिबंधित किया गया है। इस प्रतिबंध के पीछे कारण यह बताया गया है कि मंदिर प्रांगण और मंदिर के अंदर श्रद्धालु फोटो और वीडियो बनाने लगते हैं जिससे दर्शन में व्यवधान होता है। यह तर्क सही भी है। मोबाइल के कारण दर्शन में व्यवधान होता है। लेकिन महाकाल दर्शन के देश के कोने-कोने से आया दर्शनार्थी महाकाल मंदिर के साथ अपनी स्मृति सहेजना चाहता है और इस कारण वो फोटो-वीडियो बनाने के लिए सुरक्षाकर्मियों से भी विवाद कर बैठता है।

मंदिर प्रांगण में फोटोग्राफर को देखकर शुरू हो जाती है फोटोग्राफी

मंदिर समिति ने मंदिर प्रांगण में फोटोग्राफरों को तैनात किया है जो मंदिर में अलग-अलग एंगल से दर्शनार्थियों के सशुल्क फोटो लेते हैं। प्रोटोकाल के तहत आने वाले वीआईपी दर्शनार्थी भी यहां आकर फोटो-वीडियो बनाते हैं। इस कारण आम दर्शनार्थी भी फोटो बनाते लगते हैं। इन फोटोग्राफर और वीआईपी दर्शनार्थी को देखकर अन्य दर्शनार्थी भी खुद के मोबाइल से फोटो, वीडियो और रील बनाने लगते हैं। इस कारण मंदिर प्रांगण में अव्यवस्था की स्थिति बनने लगती है। दो दिन से मोबाइल प्रतिबंध पर सख्ती के कारण दिनभर में कई बार मंदिर प्रांगण में मोबाइल उपयोग करने पर सुरक्षाकर्मी और दर्शनार्थियों के बीच विवाद की स्थिति बन रही है।

महाकाल मंदिर में मोबाइल प्रतिबंधित, वीआईपी नहीं मान रहे

शिखर दर्शन प्रांगण हो सकता है बेहतर विकल्प

मंदिर प्रांगण में ही सरकार ने शिखर दर्शन प्रांगण बनाया है। यह प्रांगण काफी लंबा-चौड़ा है और यहां से शिखर दर्शन के साथ-साथ दर्शनार्थी अपनी फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की लालसा भी पूरी कर सकते हैं। मंदिर समिति को अपने अधिकृत फोटोग्राफर को भी मंदिर प्रांगण से हटाकर शिखर दर्शन प्रांगण में शिफ्ट करना चाहिए। शिखर दर्शन प्रांगण आम दर्शनार्थियों के लिए शुरू होने के बाद इस समस्या से काफी निजात पाई जा सकती है। ऐसे में आम दर्शनार्थियों को मोबाइल अंदर ले जाने दिया जाये, साथ ही यह स्पष्ट संदेश भी देना होगा कि मंदिर के अंदर या प्रांगण में फोटो-वीडियो नहीं बनाना है। फोटो-वीडियो शिखर दर्शन प्रांगण में जाकर बना सकते हैं।

-हरिओम राय

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