
उज्जैन में वर्ष 2028 में होने वाले सिंहस्थ में भीड़ नियंत्रण के लिये तैयारी शुरू हो गई है। खासकर महाकाल मंदिर के आसपास तीन किमी तक भीड़ नियंत्रण और ट्रैफिक कंट्रोल को फोकस कर योजना बनाई जा रही है। इसके लिये आईआईएम IIM इंदौर स्टडी कर रहा है। जिसमें सिंहस्थ के दौरान भगदड़ और अन्य विपरीत परिस्थिति के साथ ही ट्रैफिक और क्राउड मैनेजमेंट शामिल है। रिपोर्ट तैयार होने के बाद इसे सरकार के सामने पेश किया जाएगा।
30 करोड़ श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए IIM इंदौर मैनेजमेंट का काम करेगा। मिनिस्ट्री ऑफ टूरिज्म के साथ मिलकर सिंहस्थ में ऑपरेशनल लॉजिस्टिक और ट्रैफिक को कैसे ठीक किया जा सकता है, इस पर काम करेगा। सिर्फ महाकाल मंदिर ही नहीं उसके तीन किलो मीटर पहले से ट्रैफिक कंट्रोल करने पर ध्यान दिया जाएगा। शिप्रा नदी घाट को कैसे मेंटेन करें, लोगों के अवागमन की किस तरह की सुविधा हो, इन सभी पॉइंट को ध्यान में रखकर भी आईआईएम एक स्टडी कर रहा है।
वेलनेस समिट में आये डायरेक्टर ने दी जानकारी
उज्जैन में वेलनेस समिट में शामिल होने आए इंदौर IIM के डायरेक्टर हिमांशु राय ने बताया कि हम 5 ई (एजुकेशन, इंफोर्समेंट, इंजीनियरिंग, इनवायरमेंट और इमरजेंसी) को ध्यान में रख कर हम सिंहस्थ की तैयारी कर रहे है। इसमें स्टडी करेंगे कि कितने समय में श्रद्धालु आते हैं, कितने समय में स्नान होता है और कितना समय उन्हें वापस जाने में लगता है। श्री राय ने बताया कि प्रयागराज कुम्भ के लिए आईआईएम इंदौर ने स्टडी कर यूपी सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी। अब उज्जैन सिंहस्थ में हम शुरू से जुड़ेंगे और प्रयागराज कुम्भ से जो सीखा है, उसे यहां उपयोग में लाएंगे।