भस्मारती अनुमति के लिए हंगामा

कोटा सिस्टम होने के कारण बन रही है विवाद की स्थिति
समाचार आज । उज्जैन
श्री महाकालेश्वर मंदिर में भस्मारती दर्शन के लिए शनिवार शाम को हंगामेदार स्थिति बन गई।
रविवार सुबह की भस्मारती में शामिल होने की अनुमति के लिए शनिवार शाम भारतीय जनता युवा मोर्चा के शहर अध्यक्ष अमेय शर्मा भस्मारती काउंटर पर पहुंचे और भस्म आरती अनुमति बनाने को कहा। काउंटर पर बैठे कर्मचारियों ने उन्हें कोटा समाप्त होने का कहा तो स्थिति बिगड़ कर हंगामेदार बन गई। बाद में कर्मचारियों ने जैसे-तैसे मामला संभाला।
दर्शन के लिए कोटा व्यवस्था क्यों ?
श्री महाकालेश्वर मंदिर की भस्म आरती पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। दूर-दूर से लोग भस्म आरती के दर्शन की आस लगाकर आते हैं। मंदिर समिति एक दिन में 1546 भक्तों को अलग-अलग हॉल में भस्मारती दर्शन की अनुमति देती है। कोरोना काल में दर्शन अनुमति बंद होने के बाद जब दोबारा दर्शन अनुमति शुरू हुई तो मंदिर समिति ने प्रत्येक विभाग, मीडिया, राजनीतिक संगठन आदि के लिए दर्शन की अनुमति का कोटा तय कर दिया। किसी को दस तो किसी को 25-30 लोगों के दर्शन की अनुमति की पात्रता है। बस यही कोटा आए दिन विवाद का कारण बन रहा है। जबकि होना यह चाहिए कि मंदिर में उपलब्ध जगह (1546 दर्शनार्थी) के मुताबिक पहले आएं-पहले पाएं सभी को दर्शन अनुमति मिलना चाहिए। संख्या पूरी होने के बाद प्रोटोकाल कोटे को भी इंकार किया जा सकता है।