मध्यप्रदेश

मौत की रात, तीन युवाओं को लील गई

48 घंटे में 5 युवा अलग-अलग कारणों से गंवा चुके हैं जान

समाचार आज। उज्जैन

उज्जैन में सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात 3 युवकों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। तीनों ही मामले माधवनगर थाना क्षेत्र के है। पिछले 48 घंटे में शहर में आत्महत्या का 5 मामले सामने आ चुके है। इनमें से 4 घटनाक्रम अकेले माधवनगर थाना क्षेत्र के है।

माधवनगर थाना क्षेत्र की महाकाल सिंधी कॉलोनी में रहने वाले रवि पिता हेमराज बारवाल उम्र 35 साल ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। रवि ऑटो चलाता था। परिवार में उसकी पत्नी और एक बेटा है। पुलिस को पता चला है कि रवि कर्ज और ससुराल वालों से संबंधित किसी विवाद से परेशान था।

दूसरे घटनाक्रम में दमदमा में रहने वाले मृत्युंजय उर्फ जय पिता नारायण शर्मा उम्र 31 साल ने फांसी लगा ली। जय शर्मा ट्रेवल और ट्रांसपोर्ट का काम किया करता था, वह अविवाहित था। सोमवार शाम उसके परिवार के सदस्य एक शादी में गए हुए थे। घर में जय अकेला था। देर रात परिवार के लोग वापस घर लौटे तो इन्हें जय फांसी के फंदे पर झूलता मिला। जय शर्मा द्वारा की गई आत्महत्या की वजह फिलहाल साफ नहीं है। तीसरे मामले में में देसाई नगर में रहने वाले नितिन पिता कन्हैयालाल उम्र 23 साल ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। नितिन देसाई बेलून डेकोरेशन का काम किया करता था। इस आत्महत्या की भी वजह साफ नहीं हो सकी है।

जान देने वाले सभी नवयुवक

रविवार-सोमवार की दरमियानी रात भी डेयरी कारोबारी के 34 वर्षीय पुत्र कमलेश पिता वासुदेव कलवानी और एक अन्य शख्स ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी। 48 घंटे की अवधि में शहर में आत्महत्या के 5 घटनाक्रम हुए है। खास बात यह है कि आत्महत्याएं करने वाले सभी 5 लोग नवयुवा थे।

यह कोरोना काल का अवसाद तो नहीं

आपको याद होगा, पिछले साल कोविड की दूसरी लहर के बाद शहर में आत्महत्याओं का एक सिलसिला शुरू हो गया था। एक के बाद एक कई नवयुवाओं ने मौत को गले लगा लिया था। पिछले दो दिन के हालात देखकर यह लगता है कि वापस वैसी ही स्थितियां बन रही है। मौत कोई आसान चीज नहीं होती। मौत जब सामने दिखती है तो अच्छे-अच्छो के पसीने छूट जाते है। लेकिन ये कैसा दौर आया है। जीवन से हताश युवा एकाएक खुद ही अपने लिए मौत चुन रहे है। शायद कोरोना काल के 2 साल का अवसाद और इसकी काली छाया से हम अब पूरी तरह से मुक्त नहीं हो सके है। यहीं वजह है कि जीवन में थोड़ा भी संघर्ष नौजवानों को हारने के लिए मजबूर कर रहा है। मंगलवार सुबह सामने आए आत्महत्याओं के तीनों मामलों में आत्महत्याएं करने वाले युवकों के शवों का जिला अस्पताल में पोस्टमाटज़्म कराया गया। पोस्टमार्टम के बाद शवों को उनके परिजनों के सुपूर्द कर दिया गया। तीनों ही मामलों में आत्महत्या की सही वजह पता लगाने के लिए पुलिस जांच में जुटी है।

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