मध्यप्रदेश

उज्‍जैन के स्‍पा सेंटर बने अय्याशी के अड्डे

आईस्‍क्रीम व्‍यापारी के नेता पुत्र सहित 21 युवक-युवतियां हिरासत में


raid on spa centers in Ujjain

समाचार आज। उज्‍जैन

उज्जैन में क्राइम ब्रांच की टीम ने शनिवार शाम फ्रीगंज क्षेत्र में संचालित हो रहे स्पा सेंटरों spa centers पर दबिश दी। सर्चिंग के दौरान तीन सेंटरों पर आपत्तिजनक सामग्री मिलने पर 21 युवक-युवतियों को हिरासत में लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक इन गिरफ्तार युवक-युवतियों में शहर की फेमस (प्रसिद्ध) आइस्‍क्रीम व्‍यापारी का पुत्र भी शामिल है, जो एक राजनीतिक दल की युवा इकाइ का पदाधिकारी है। इस युवक को बचाने के लिए सत्‍ताधारी दल के कई पदाधिकारी माधवनगर पुलिस पर दबाव बनाते रहे।

मिल रही थी अनैतिक व्‍यापार की सूचना

उज्जैन में स्पा सेंटरों पर आपत्तिजनक गतिविधियां संचालित होने की सूचनाएं पुलिस को लगातार मिल रही थी। इस कारण आईपीएस विनोद कुमार मीणा की टीम ने शनिवार शाम को फ्रीगंज क्षेत्र के स्पॉ सेंटरों पर अचानक दबिश दी। पुलिस ने बताया कि फ्रीगंज क्षेत्र में संचालित हो रहे स्पा सेंटरों में संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिलने पर दबिश दी गई थी।

सात स्‍पॉ सेंटर पर दबिश, मिली आपत्तिजनक सामग्री

फ्रीगंज क्षेत्र में सात स्थानों पर बने स्पा सेंटरों पर सर्चिंग की गई। इनमें से आजादनगर के मून थाई, आरबी जोन के सामने स्थित ओसम और हार-फूल की गली में स्थित रिलेक्स स्पा सेंटर पर आपत्तिजनक सामग्री जैसे कंडोम, गर्भनिरोधक गोलिया, हुक्‍का, शराब की बोतल आदि मिलने पर वहां से 12 लडक़ो और 9 लड़कियों को हिरासत में लिया गया है। सभी को माधवनगर थाने लाया गया। जहां उनके खिलाफ पीटा एक्ट अधिनियम का प्रकरण दर्ज किया जा रहा है।

मणिपुर-असम-मिजोरम की युवतियां मिली

बताया जा रहा है कि स्पा सेंटरों से हिरासत में ली गई युवतियां असम-मिजोरम, मणिपुर की रहने वाली है। जिन्हे स्पा संचालको ने कई महिनों पहले यहां बुलाया था। सभी किराये से शहर में रह रही है। युवतियों से पूछताछ की स्पा सेंटर में चल रही गतिविधियों के सच पता किया जा रहा है। पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद सभी अपना मुंह छिपाती रही। ये लड़कियां पुलिस के सवालों का ठीक से जवाब भी नहीं दे रही थी।

मिल रही थी अनैतिक व्‍यापार की सूचना

आईपीएस विनोद कुमार मीणा ने बताया कि फ्रीगंज में सात स्पा सेंटरों पर सर्चिंग की गई थी। जिसमें डिवाइन वेली में संचालित 2 सेंटर भी शामिल है। हिरासत में लिये गये युवक उज्जैन जिले के रहने वाले सामने आय रहे है। जिनसे पूछताछ की जा रही है।

आखिर कैसे पहुंची पुलिस की नजर स्‍पा सेंटरों पर

शहर में कई स्‍पा सेंटर लंबे समय से संचालित है, फिर पुलिस की नजर इन पर अब कैसे पड़ी। यह एक बड़ा सवाल है। समाचार आज को मिली जानकारी के मुताबिक स्‍थानीय पुलिस की सेटिंग से स्‍पा सेंटर बड़े आराम से चल रहे थे लेकिन 24 अगस्‍त 2022 को देवास रोड स्थित डिवाइन वैली के एक स्‍पा सेंटर पर विवाद हो गया। रात 7 से 8 नकाबपोश बदमाशों में जमकर तोड़फोड़ की. कुछ देर के ल‍िए इससे पूरी मल्टी में सनसनी फैल गई. हमले के दौरान स्पा में मौजूद युवतियां व स्पा मैनेजर जान बचा कर भाग निकले. बदमाशों ने पूरे स्पा सेंटर में तोड़फोड़ मचा दी. हालांकि स्‍पा सेंटर पर विवाद तो पहले भी हुए हैं, लेकिन यह विवाद ऐसा था जो सीएसपी विनोद मीणा IPS Vinod Meena की नजर में चढ़ गया। इसके बाद स्‍पा सेंटर पर नजर रखना शुरू हुई

ठगा जाता था युवाओं को, पुलिस भी नहीं सुनती

सूंघ-सूंघ कर अपराध तलाशने की महारत प्राप्‍त सीएसपी विनोद मीणा IPS Vinod Meena ने जब विवाद की जड़ तलाशी तो सामने आया कि मसाज के बहाने स्‍पा सेंटर पर युवतियों के जरिए युवाओं से रुपए ऐंठे जाते हैं। यहां से ठगे गए युवा बाहर निकलकर चुप रहना ही पसंद करते हैं क्‍योंकि ऐसे में इज्‍जत गंवाने का भय है और पुलिस भी बिना सबूत का ठोस मामला नहीं देख ऐसे लोगों को चलता कर देती है। कुछ एक जो दमदार थे ऐसे युवाओं ने यहां पर हमला कर अपने साथ हुई ठगी का बदला लिया। ठगाए हुए लोगों का कहना है कि स्‍पा में पहले मसाज और फिर देह व्‍यापार का रेट तय होता था। रुपए देने के बाद भी वादे के मुताबिक सुविधाएं नहीं मिलती थी, बल्कि कुछ नेे तो यह भी कि मसाज के बहाने उतराई गई गले की चेन, महंगी घड़ी व पर्स से रुपए भी स्‍पा सेंटरों पर गायब कर दिये जाते थे।

नॉलेज : क्या है स्पा के सही मायने और इसके फायदे

What is spa and its benefits

वर्तमान में अधिकतर शहरों में स्‍पॉ सेंटर अय्याशी के अड्डे के रूप में भले ही मिल रहे हैं, लेकिन ये स्‍पा सेंटर का बिगड़ा स्‍वरूप है। स्‍पा का सही स्‍वरूप बहुत ही लाभदाायकऔर सेहतदायी है –

स्पा शब्द लैटिन लैंग्वेज से आया है, जिसका मतलब है मिनरल्स से भरपूर पानी में स्नान। स्पा थेरपी यूरोपीय देशों से शुरू हुई और धीरे-धीरे पूरी दुनिया में फैल गई। बॉडी मसाज, बॉडी रैप, सोना बाथ, स्टीम बाथ आदि को मिलाकर स्पा कहते हैं। मोटे तौर पर 3 R यानी Relax, Rejuvenate और Regain Health स्पा से जुड़े हैं। इसमें आपकी सेहत और खूबसूरती को बेहतर करने और रिलैक्सेशन के लिए दी जानेवाली थेरपी शामिल होती है। लाइफस्टाइल प्रॉब्लम जैसे कि नींद न आना, मोटापा, जोड़ों में दर्द, बाल झड़ना, डिप्रेशन, मुंहासे आदि का इलाज स्पा थेरपी से किया जाता है।

स्‍पा के फायदे –

  • तनाव कम कर मन को रिलैक्स करता है।
  • तन और मन को तरोताजा करता है।
  • ब्लड सर्कुलेशन ठीक करता है।
  • शरीर के जहरीले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है।
  • शरीर में कसावट लाकर बुढ़ापे की रफ्तार धीमी करता है।
  • जोड़ों में लचीलापन लाता है।

स्‍पा के प्रकार

स्पा 2 तरह का होता हैः वेट और ड्राई]वेट में स्टीम, सॉना और जूकॉजी आते हैं, जबकि ड्राई में मसाज, फेशियल, पेडिक्योर, मेनिक्योर, सैलून सुविधाएं आदि आती हैं।

मसाज
massage

स्पा में मसाज सबसे खास है। इसके अलावा शिरोधारा, सॉना, स्टीम, जकूजी आदि भी होते हैं। मसाज या मालिश करीब 45 मिनट से घंटा भर की जाती है। यह कई तरह की होती है:

आयुर्वेदिक मसाज: इसके जरिए आमतौर पर लाइफस्टाइल बीमारियों का इलाज किया जाता है। इस ट्रीटमेंट के दौरान आयु‌र्वेदिक डॉक्टर का वहां मौजूद होना बहुत जरूरी है। इस इलाज के दौरान आमतौर पर मेडिकेटिड ऑयल (जड़ी-बूटियों आदि मिलाकर तैयार किया गया) से मसाज की जाती है, जिसे अभ्यंगम कहा जाता है। इसमें 1 या 2 लोग मिलकर फुल बॉडी मसाज करते हैं।

स्वीडिश मसाजः शरीर पर गोल-गोल मूवमेंट के साथ आराम से मसाज की जाती है। यह काफी सॉफ्ट होती है इसलिए आमतौर पर महिलाएं इसे कराना पसंद करती हैं।

बेलिनिस मसाजः इसमें काफी प्रेशर लगाकर मसाज की जाती है। ज्यादा जोर एक्यूप्रेशर पॉइंट्स पर होता है।

इंडोनेशियन मसाजः इसमें इंडोनेशियन ऑयल यूज होते हैं। प्रेशर मीडियम होता है।

थाई मसाजः यह मसाज के सबसे पुराने तरीकों में से है। इसे ड्राई मसाज भी कहा जाता है क्योंकि तेल के बजाय पाउडर का यूज होता है।

डीप टिश्यू मसाजः इसमें प्रेशर काफी ज्यादा होता है। आमतौर पर स्पोट्र्सपर्सन और जिम जानेवाले लोग इसे कराना पसंद करते हैं। इसमें जोड़ों का लचीलापन बढ़ता है।

फेशियल मर्मा: इसके लिए ट्रेनिंग जरूरी है। ट्रेंड एक्सपर्ट शरीर के अलग-अलग हिस्सों को अलग-अलग प्रेशर के साथ दबाकर मसाज करते हैं।

शिरोधारा

कई तेलों को मिलाकर तेल तैयार किया जाता है, जिसे सिर पर एक धारा के रूप में करीब 45 से 60 मिनट तक गिराया जाता है। इसमें महानारायण तेल, नीलभृंगादि, तिल का तेल आदि यूज करते हैं, जिन्हें अलग-अलग तेल मिलाकर तैयार किया जाता है। इससे मन रिलैक्स होता है और कंसंट्रेशन बढ़ता है। वैसे, स्पा में मसाज के लिए गुलाब, चमेली, लैवेंडर, लोटस, नीम आदि के तेल का भी खूब यूज होता है।

स्टीम बाथ

इसमें एक चैंबर या कमरा होता है, जिसमें पानी को उबालकर स्टीम पैदा की जाती है। कस्टमर को इसमें बिठा दिया जाता है। इसमें बैठने के बाद मूवमेंट मुमकिन नहीं है। आमतौर पर 25-30 मिनट स्टीम दी जाती है।

जकूजी

इसमें एक बड़े बाथ टब में बिठाया जाता है, जिसमें चारों तरफ से जगह-जगह लगे जेट में से गुनगुने पानी की तेज धाराएं आकर शरीर पर पड़ती हैं। यह करीब 20-30 मिनट कराया जाता है।

पंचकर्म
Panchakarma

आयुर्वेद में इलाज के लिए पंचकर्म विधि का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें अलग-अलग क्रियाओं से शरीर को शुद्ध और दुरुस्त किया जाता है। पंचकर्म के 2 हिस्से होते हैं:

पूर्वकर्म: इसमें स्नेहन और स्वेदन आते हैं।

प्रधानकर्मः इसके 5 हिस्से होते हैं: वमन, विरेचन, आस्थापन बस्ति, अनुवासन-बस्ति और शिरो-विरेचन या शिरोधारा।

स्नेहनः इसमें घी या तेल पिलाकर और मालिश करके शरीर के दोषों को दूर किया जाता है।

स्वेदनः इसमें अलग-अलग तरीकों से शरीर से पसीना निकाल कर बीमारियों से निपटा जाता है।

आगे की क्रिया करने से पहले ये पूर्वकर्म के ये दोनों कर्म करने जरूरी हैं। इसके बाद प्रधानकर्म किया जाता है। इसके तहत ये क्रियाएं होती हैं:

वमनः इस कर्म के जरिए कफ से पैदा होनेवाली बीमारियों (खांस, बुखार, सांस की बीमारी आदि) का इलाज किया जाता है। इसमें दवा या काढ़ा पिलाकर उलटी (वमन) कराई जाती है। इससे कफ और पित्त बाहर आ जाते हैं।

विरेचनः पित्त वाली बीमारियों के लिए विरेचन किया जाता है। इससे पेट की बीमारियों में राहत मिलती है। इसके लिए अलग-अलग दवाएं और काढ़े पिलाए जाते हैं।

आस्थापन बस्तिः इसका दूसरा नाम मेडिसिनल एनिमा भी है। इसमें खुश्क चीजों का क्वाथ बनाकर एनिमा दिया जाता है। इससे पेट एवं बड़ी आंत के वायु संबधी सभी रोगों में लाभ मिलता है।

अनुवासन बस्तिः इस प्रक्रिया में स्निग्ध (चिकने) पदार्थ जैसे कि दूध, घी, तेल आदि के मिश्रण का एनिमा लगाया जाता है। इससे भी पेट एवं बड़ी आंत की बीमारियों में राहत मिलती है।

शिरोविरेचन या शिरोधारा: इसमें नाक से अलग-अलग तेलों को सुंघाया जाता है और सिर पर तेल की धारा डाली जाती है। इससे सिर के अंदर की खुश्की दूर होती है। यह आंखों की बामारियों, ईएनटी प्रॉब्लम, नींद न आना और तनाव जैसी बीमारियों में राहत मिलती है।

कुछ और थेरपी

हॉट स्टोन थेरपीः इसमें करीब 30 मिनट की मसाज के बाद तेल में डूबे गर्म पत्थर बॉडी पर करीब 15-20 मिनट के लिए रखे जाते हैं। इससे प्रेशर पॉइंट बेहतर काम करने लगते हैं।

बैंबू थेरपीः यह करीब-करीब हॉट स्टोन थेरपी जैसा ही है। स्टोन रखने के बजाय बैंबू से मालिश की जाती है।

हॉट टब थेरपी: इसमें एक टब में गर्म पत्थर रखे जाते हैं और मिनरल वॉटर से इसे भर कर कस्टमर को इसमें लिटा दिया जाता है। जब यह वॉटर गर्म पत्थरों के ऊपर से गुजरता है तो हीट बनती है जो कस्टमर को काफी रिलैक्स करती है।

अरोमा थेरपी: इसमें तिल के तेल में अरोमा यानी खुशबू (यूकेलिप्टस, गुलाब, लैवेंडर, चमेली आदि) डालकर मालिश करते हैं। साथ ही, कमरे में भी टी-लाइट या दूसरे तरीकों से उसी खुशबू का संचार किया जाता है। खुशबू काफी रिलैक्स करती है। लेवेंडर का इस्तेमाल शांति के लिए, लेमन ग्रास का रिलैक्स के लिए, पिपरमेंट का रिफ्रेंशमेंट के लिए।

बॉडी रैप/पैक: इसमें बॉडी पर अलग-अलग तरह के पैक लगाए जाते हैं जैसे कि मड पैक। इसमें शरीर पर मिट्टी का लेप किया जाता है। इसके अलावा दूध में फलों का गूदा और जड़ी-बूटियां मिलाकर गाढ़ा पैक बनाना या उबले चावलों में अदरक, इलायची आदि मिलाकर पैक बनाना आदि। इन्हें बॉडी पर लगाकर बॉडी को सूती कपड़े की पट्टियों से लपेट दिया जाता है।

मड पैक थेरपी: मिट्टी में नीम की पत्तियां या जड़ी-बूटियां पीसकर मिलाते हैं। इससे शरीर को कूलिंग इफेक्ट मिलता है और दर्द भी कम हो जाता है।

पोटली थेरपी: नीम, चंदन आदि बूटियां को सूती कपड़े की पोटली में बांधकर हल्का गर्म करके सिकाई की जाती है।

ब्यूटी ट्रीटमेंट: इसमें फेस के लिए फेशियल, पैरों के लिए पेडिक्योर, हाथों के लिए मैनिक्योर और बालों के लिए हेयर स्पा आदि आते हैं। इन सभी में क्लीनिंग, स्क्रबिंग, मसाज, पैक आदि यूज करते हैं। आमतौर पर पहले क्लिंजिंग, फिर स्क्रबिंग, फिर मसाज और आखिर में पैक लगाया जाता है।

स्पा और आयुर्वेदिक इलाज में फर्क

स्पा बॉडी और मन को रिलैक्स करने के लिए होता है, जबकि आयुर्वेदिक उपचार में किसी बीमारी का इलाज किया जाता है। मसलन जोड़ों के दर्द के इलाज के लिए कटि बस्ती करते हैं। इसमें घुटने पर आटे की टोकरी-सी बनाकर लगाते हैं और उसमें गर्म तेल डालते हैं। करीब 20-25 मिनट घुटना इसमें रखकर फिर उस तेल से घुटने की मालिश करते हैं। शुगर के मरीजों को पोटली ट्रीटमेंट देते हैं। स्पा कोई भी करा सकता है, जबकि आयुर्वेदिक इलाज बीमारों का किया जाता है।

स्पा और मसाज में फर्क

difference between spa and massage

मसाज स्पा का एक हिस्सा है। किसी भी तरह की मसाज स्पा में ही आती है। लेकिन स्पा में मसाज के अलावा स्टीम, सॉना, पैक और रैप आदि भी आते हैं।

कब और कितना कराएं

ज्यादा-से-ज्यादा 15 दिन में एक बार या फिर 6-9 महीने में हफ्ते भर लगातार कराएं। बाकी आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से लेकर भी करा सकते हैं। ध्यान रखें कि यह आदत बेशक बन जाए, लेकिन लत नहीं।

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