मेडिकल डिवाइस पार्क उज्जैन में एफडीआई के जरिए 209 करोड़ का निवेश
मेडिकल डिवाइस पार्क में कोरिया की कंपनी ई-फाइबर बनाएगी कैंसर डिटेक्शन किट्स, हर महीने 50 लाख आईवीडी के प्रोडक्शन का लक्ष्य

उज्जैन के मेडिकल डिवाइस पार्क Medical Device Park में कैंसर डायग्नोसिस की सस्ती और सुलभ किट बनेंगी। प्रत्यक्ष विदेश निवेश (एफडीआई) के जरिए दक्षिण कोरिया की प्रतिष्ठित कंपनी ई-फाइबर ग्रुप ने 209 करोड़ रुपये के निवेश किया है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। कंपनी को जमीन आवंटित की गई है, यहां अपनी अत्याधुनिक यूनिट स्थापित करेगी। यह प्रोजेक्ट उज्जैन को न केवल चिकित्सा उपकरण निर्माण के क्षेत्र में नया केंद्र बनाएगी, बल्कि मुख्यमंत्री की निवेशक-अनुकूल नीतियों और औद्योगिक हब के रूप में उज्जैन को स्थापित करने के विजन को भी मजबूती देगी।
कैंसर के प्रारंभिक निदान और रोकथाम पर केंद्रित है परियोजना
ई-फाइबर ग्रुप की यह परियोजना कैंसर के प्रारंभिक निदान और रोकथाम के लिए नवाचार पर केंद्रित है। कंपनी प्रारंभिक चरण में ही कैंसर का पता लगाने वाली डायग्नोस्टिक किट्स और संबंधित उत्पादों के डिजाइन, निर्माण, आपूर्ति और सेवाओं पर काम करेगी। खास बात यह है कि ये किट्स मूत्र नमूने के माध्यम से शुरुआती स्टेज में ही कैंसर का पता लगाने में सक्षम होंगी, यह तकनीक आसान और मरीजों के लिए सुविधाजनक होगी। इन उत्पादों में नैनो फाइबर और सेल्यूलोज-आधारित बायो पॉलिमर का उपयोग किया जाएगा, जो कैंसर रोकथाम में प्रभावी हैं। प्रोजेक्ट में प्रतिमाह 50 लाख इन-विट्रो डायग्नोस्टिक (आईवीडी) किट्स और 1 करोड़ संबंधित उत्पादों का निर्माण किया जाएगा। यह न केवल भारत में कैंसर निदान क्रांति लाएगा, बल्कि मरीजों तक इसकी पहुंच को बढ़ाएगा। साथ ही चिकित्सा क्षेत्र में वैश्विक बाजार में भी मध्य प्रदेश की हिस्सेदारी को मजबूत करेगा। ई-फाइबर ग्रुप की स्थापना 2016 में हुई थी। इसके निदेशक मंडल में जोंग चेओल जेओंग, बोगोन किम, वूसेओक चुंग, सोनिया भारद्वाज, और राजेश भारद्वाज शामिल हैं। कंपनी साउथ कोरिया की क्यूबबायो कंपनी लिमिटेड, टीएन सॉल्यूशन कंपनी लिमिटेड, और डोंगनाम रियलाइज कंपनी लिमिटेड के साथ सहयोग कर रही है, जो वैश्विक स्तर पर अपनी तकनीकी विशेषज्ञता के लिए जानी जाती हैं।
मिल रहा है विदेशी निवेशकों का भरोसा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्य प्रदेश को औद्योगिक और निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाने के लिए कई दूरदर्शी नीतियां लागू की हैं। उनकी सिंगल-विंडो सिस्टम, रियायती दरों पर भूमि उपलब्धता, और बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर ने विदेशी निवेशकों का भरोसा जीता है। डॉ. यादव ने हाल ही में जापान और दक्षिण कोरिया की अपनी यात्राओं के दौरान वैश्विक कंपनियों को मध्य प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया था। उनकी यह सक्रिय पहल अब परिणाम दे रही है कि प्रदेश में एफडीआई के जरिए निवेश आया है। बता दें कि उज्जैन के मेडिकल डिवाइस पार्क को वैश्विक निवेशकों के लिए हॉट डेस्टिनेशन के रूप में पेश किया गया है, जिसमें आधुनिक बुनियादी सुविधाएं, प्रोत्साहन योजनाएं और उत्कृष्ट लॉजिस्टिक्स शामिल हैं।
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उज्जैन: औद्योगिक हब के रूप में उभरता शहर
उज्जैन, जो पहले अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान के लिए जाना जाता था, अब औद्योगिक विकास के क्षेत्र में भी अपनी जगह बना रहा है। विक्रम उद्योगपुरी में 1133 एकड़ में फैला औद्योगिक पार्क और 360 एकड़ में विकसित हो रहा मेडिकल डिवाइस पार्क उज्जैन को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान दे रहे हैं। यहां अब तक 1855 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं, जिससे 6900 से अधिक रोजगार सृजित होने की उम्मीद है। ई-फाइबर ग्रुप के साथ-साथ अन्य बड़ी कंपनियां जैसे अमूल, पेप्सिको इंडिया, और एमडीएच ने भी उज्जैन में निवेश किया है। विक्रम उद्योगपुरी को हाल ही में देश का सबसे स्वच्छ औद्योगिक पार्क का पुरस्कार भी मिला है।
उज्जैन के मेडिकल डिवाइस पार्क में ई-फाइबर ग्रुप से एफडीआई के जरिए निवेश आने से प्रदेश का औद्योगिक परिदृश्य बदल जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की नीतियों और नेतृत्व ने उज्जैन को न केवल एक औद्योगिक हब के रूप में स्थापित किया है, बल्कि इससे स्वास्थ्य सेवा और कैंसर निदान जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रदेश की आत्मनिर्भरता मजबूत होगी। प्रोजेक्ट न केवल आर्थिक विकास को गति देगी, बल्कि लाखों लोगों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का मार्ग भी प्रशस्त करेगी।
-राजेश राठौड़, कार्यकारी निदेशक, एमपीआईडीसी उज्जैन