शादी की सालगिरह पर दंपति ने किया रक्तदान, समाज को दिया अनूठा संदेश

समाचार आज । रतलाम
आमतौर पर लोग शादी की सालगिरह पर केक काटकर अपनों को पार्टी देते है। लेकिन लोग खुशियों को समाज के जरूरतमंदों के साथ बांटते है। जड़वासा कला गांव निवासी दीपक पाटीदार ने पत्नि गायत्री पाटीदार संग अपनी शादी की सालगिरह पर रक्तदान कर मिसाल पेश की है। वैसे तो दीपक पाटीदार हर तीन माह में रक्तदान करते चले आ रहे है। लेकिन दो साल पहले सोशल मीडिया पर रक्तदान की अपील पढ़कर उन्होने तय किया कि अब हर साल शादी की सालगिरह पर पत्नी संग रक्तदान करेंगे।।
दंपत्ति ने किया रक्तदान
जिसके बाद शादी की सालगिरह पर यह दंपती ब्लड बैंक पहुंचकर रक्तदान करता है। दीपक पाटीदार एवम उनकी पत्नी गायत्री पाटीदार ने बताया कि किसी की जान बचाने के लिए रक्तदान एक बड़ा माध्यम है। क्योंकि दवाई तो बाजार में मिल जाएगी। लेकिन रक्त बाजार में नही बिकता। रक्तदान को लेकर किसी प्रकार का भ्रम नही पालना चाहिए। क्योंकि यह तीन महीने में ही कवर हो जाता है। ब्लड बैंक में रक्तदान करने के बाद दीपक पाटीदार ने कहा की हर किसी को जन्मदिन, वैवाहिक वर्षगांठ ऐसे छोटे-छोटे अवसर पर ब्लड डोनेशन करना चाहिए। जिससे ब्लड बैंक में कभी रक्त की कमी ना हो सके।।
पति से प्रेरित होकर रक्तदान किया
इस मौके पर गायत्री पाटीदार ने बताया कि वे स्वयं मेडिकल लाइन में हैं और ब्लड की महत्ता को अच्छे से समझती है और वे अपने पति दीपक पाटीदार से प्रेरित होकर रक्तदान की मुहिम से जुड़ीं और इससे पहले उन्होंने हेल्पिंग हैंड्स ग्रुप द्वारा जागरूकता अभियान एवम रक्तदान शिविरों में रक्तदान में योगदान दिया हैं । गायत्री पाटीदार ने कहा कि बहुत सी महिलाओं को यह भ्रांति होती है कि रक्तदान से उन्हें कमजोरी हो सकती है लेकिन ऐसा नहीं है बल्कि हम महिलाएं भी रक्तदान कर किसी को जीवनदान देने में अपना अहम योगदान दे सकती हैं।।
शादी की सालगिरह के अवसर पर रक्तदान करने पहुँचने दंपत्ति को हेल्पिंग हैंड्स ग्रुप के संस्थापक अनिल रावल समाजसेविका वेणु हरिवंश शर्मा सक्रिय सदस्य आसिफ भाई दिलीप पाटीदार, अरुण पटेल, हर्षित महावर अक्षांश मिश्रा दीपांशु शर्मा और सिविल हॉस्पिटल रतलाम ब्लड बैंक टीम योगेंद्र टटावद अनिल राठौर, लैब टेक्नीशियन टीम ने पौधा भेंट कर सम्मानित किया। इस मौके पर हेल्पिंग हैंड्स ग्रुप के संस्थापक अनिल रावल ने कहा कि खुशियां बाँटने से बढ़ती हैं और अपने जीवन की खुशियों के मौके पर रक्तदान कर हम अपनी खुशियों में उन पीड़ित मरीजों को भी शामिल कर पाते हैं, जिनका जीवन ऐसे स्वैच्छिक रक्तदान से ब्लड बैंक में जमा रक्त पर ही निर्भर है।