तिरुपति सेफ्रान रहवासियों को कॉलोनाइजर ने फंसाया

सरकारी पेजयल लाइन की फीस ही जमा नहीं की, अब कॉलोनीवासी आंदोलन की राह पर
समाचार आज। उज्जैन
उज्जैन में जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जा रही है, शहर की नई कॉलोनियों में जलसंकट भी बढ़ने लगा है। शुक्रवार को तिरूपति सेफ्रान कॉलोनी में रहने वाले कई रहवासी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यालय पहुंचे और अपनी कॉलोनी की पाईप लाइन को सप्लाय लाईन से जोड़ने की मांग करने लगे।
उज्जैन शहर में पिछले लगभग 5 सालों में जितनी भी नई कॉलोनियां बसी है, अधिकांश कॉलोनियों में रहने वाले परिवार पानी के लिए बोरिंग पर ही आश्रित है। बोरिंग की अपनी सीमाएं है। कई कॉलोनियों में भू-जल स्तर नीचे जा चुका है और बोरिंग जवाब देने लगे है। इन स्थितियों में नई वैध कॉलोनियों में भी लोग जलसंकट का सामना करने लगे है। शु्क्रवार को आगर-मक्सी बायपास की तिरूपति सेफ्रान कॉलोनी में रहने वाले लोग लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के दफ्तर पहुंचे। रहवासियों ने मांग रखी कि उनकी कॉलोनी की लाईन को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की मुख्य पाईप लाइन से जोड़ा जाए।
कॉलोनाइजर ने सरकारी कनेक्शन के लिए रकम नहीं जमा कराई
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों ने इन्हें बताया कि आपकी कॉलोनी वैध जरूर है लेकिन कॉलोनाइजर ने अब तक विभाग में सरकारी कनेक्शन के लिए रकम नहीं जमा कराई है। जैसे ही यह रकम जमा हो जाएंगी, 7 दिन के भीतर कॉलोनी की पाईप लाइन को सप्लाय लाईन से जोड़ दिया जाएगा। तिरूपति सेफ्रान कॉलोनी में लगभग 400 प्लॉट है, इस कॉलोनी में 350 से ज्यादा मकान बन चुके है।
कॉलोनी के आधे बोरिंग बंद
कॉलोनी में फिलहाल लगभग 2 हजार लोग निवास कर रहे है। कॉलोनी के रहवासी डा. राजेंद्र उदीवाल और रोशनी राजवानी ने बताया कि इस कॉलोनी के आधे बोरिंग बंद हो चुके है। पिछले दो साल से कॉलोनी के रहवासी जलसंकट भोग रहे है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों से मुलाकात के बाद कॉलोनी के रहवासी कॉलोनाइजर महेश परियाणी के कार्यालय पर भी पहुंचे थे।