अध्यात्ममध्यप्रदेश

पं. प्रदीप मिश्रा का महाअष्टमी पर बेटियों के संरक्षण का महाअभियान

शिवमहापुराण की व्यास पीठ से दिलाया संकल्प : मां-बहन-बेटी पर न अत्याचार करेंगे और न ही होने देंगे

बेटियों को संकल्प दिलाया-सनातन धर्म के मार्ग से भटकोगी नहीं

त्रिकालदृष्टि/समाचार आज

शिवमहापुराण के जरिए देवाधिदेव महादेव का साक्षात्कार आम जनता से करवाने वाले भागवत भूषण पं. प्रदीप मिश्रा ने शनिवार को महाष्टमी पावन अवसर पर एक नए अभियान का श्रीगणेश किया है। यह अभियान है -बेटियों का संरक्षण। इसके लिए उन्होंने महाष्टमी पर व्यास पीठ से पुरुषों को संकल्प दिलाया कि मां-बहन-बेटियों पर न तो अत्याचार करेंगे और न ही होने देंगे। साथ ही बेटियों को संकल्प दिलाया कि वे माता-पिता का विश्वास नहीं तोड़ेंगी और सनातन धर्म के मार्ग से भटकेगी नहीं।

शनिवार को पं. मिश्रा की मध्यप्रदेश के रायसेन में चल रही त्रिपुण्ड शिवमहापुराण का विराम दिवस (सातवां दिन) था। शिवमहापुराण के दौरान नवरात्रि की अष्टमी पर मां जगदंबा की महिमा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा हमारे में से कई लोग आज कन्यापूजन करते हैं। कन्या भोज करते हैं। लेकिन कन्या पूजन तभी सार्थक होगा जब हम बेटियों को संरक्षण दें। आज संकल्प लीजिए कि किसी बेटी को दु:ख नहीं देंगे और न ही किसी को उस पर अत्याचार करने देंगे। प्रत्येक मां-बहन-बेटी पर हम अत्याचार नहीं होने देंगे। जब नवरात्रि के दौरान हम भंडारे में भोजन करते तब भोजन का पहला निवाला मुंह में जाने के पहले हमें भारत माता की रक्षा का संकल्प लेना होगा। पं. मिश्रा ने आगे कहा कि मैं धन्यवाद देता हूं शासन-प्रशासन को जिनकी वजह से लोग भ्रूण में लिंग जांच नहीं कर पाते। नहीं तो पहले जन्म से पहले ही बेटियां मार दी जाती थी और हमें पूजन के लिए कन्या भी नहीं मिलती थी।

पिता को नर्क से बचाएं बेटियां

पं. मिश्रा ने शनिवार को ही बेटियों को भी सदमार्ग पर चलने का संकल्प भी दिलाया। उन्होंने कहा माता-पिता अपनी हैसियत से बढक़र बेटियों को पढऩे के लिए कॉलेज और दूसरे शहरों में भेजते हैं। बेटियों का फर्ज है कि वे माता-पिता के उस विश्वास को कायम रखें। पं. मिश्रा ने कहा छद्म वेष में घूम रहे विधर्मी बेटियों को भ्रमित कर रहे हैं। पं. मिश्रा ने बेटियों का आह्वान किया वे अपने माता-पिता को नर्क से बचा सकती है। गरुड़ पुराण में लिखा है कि बेटी का पिता अगर कन्यादान से वंचित रहता है तो उसे 94 नरकों को भोगना पड़ता है। इसी डर की वजह से कई पिता अपनी कन्याओं को अपने संरक्षण में रखकर आगे बढ़ाने से बचाते हैं। अगर आपको आपके पिता ने भरोसा कर पढ़ाई के लिए दूसरे शहर भेजा है तो आपका भी कत्र्तव्य है कि पिता का भरोसा कायम रखना और उन्हें नर्क भोगने से बचाना। पं. मिश्रा ने व्यासपीठ से ही मंच में मौजूद सभी बेटियों को खड़ा कर कहाकि आज व्यासपीठ के सामने भोलेनाथ के समक्ष संकल्प लो कि पिता का विश्वास कायम रखोगी और सनातन धर्म के मार्ग से भटकोगी नहीं।

रायसेन के बाद अगला आयोजन हरिद्वार में

पं. प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण की कथा शनिवार को विराम हो गई। विशाल जनसमुदाय के बीच विराम अवसर पर आरती के लिए मध्यप्रदेश के चिकित्सा मंत्री प्रभुराम चौधरी पहुंचे। पं. मिश्रा की शिवमहापुरा का अगला आयोजन 13 से 19 अप्रैल तक हरिद्वार में हर की पौड़ी शिवमहापुराण के रूप में होगा। जिसका सीधा प्रसारण विभिन्न चैनलों पर दोपहर एक बजे से शाम 4 बजे तक होगा।

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