अंगदान-देहदान करने वालों को अब मिलेगा गार्ड ऑफ ऑनर, उज्जैन से हुई थी पहल
अंगदान-देहदान करने वालों के परिजनों को 15 अगस्त-26 जनवरी कार्यक्रम में किया जायेगा

अंगदान-देहदान Organ donation करने वालों का अंतिम संस्कार भी अब मध्यप्रदेश में गार्ड ऑफ ऑनर के साथ किया जाएगा। इसकी पहल करीब छह माह पहले उज्जैन से हुई थी। इसकी घोषणा फरवरी माह में एम्स में हुए पहले ह्रदय प्रत्यारोपण के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की थी। जिसका पालन करते हुए मंगलवार को मध्यप्रदेश शासन ने आदेश जारी कर दिए हैं।
एम्स के दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा था कि राज्य में हृदय प्रत्यारोपण और अन्य अंग प्रत्यारोपण की सुविधा को मजबूत किया जाएगा। एयर एम्बुलेंस की सुविधा हर उस जगह है। जहां पर इसको पहुंचाया जा सकता है। जहां एयर एम्बुलेंस नहीं पहुंच सकती है। वहां हेलिकॉप्टर की सुविधा दी जा रही है। जिससे मरीजों को समय से उपचार मुहैया कराया जा सके। उन्होंने अपील भी की कि अंगदान और देहदान को सभी प्राथमिकता दें। ऐसा करने से ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंदों को नया जीवन मिलेगा।
परिवार का साल में दो बार होगा सम्मान
मध्यप्रदेश सरकार ने अंगदान और देहदान करने वाले नागरिकों को सम्मानित करने के साथ उनके परिजन को भी सम्मानित करने के आदेश जारी किए हैं। जिसके तहत अब हर साल में दो बार परिवार का सम्मान किया जाएगा। इसके लिए लोकल अथॉरिटी को जिम्मेदारी दी गई है कि वे 26 जनवरी और 15 अगस्त को आयोजित होने वाले जिला स्तरीय कार्यक्रमों में अंगदान और देहदान करने वालों के परिवार को सम्मानित करें।
उज्जैन से हुई थी पहल
करीब छह माह पहले उज्जैन के शंकरपुर के व्यक्ति ने अंगदान किये थे। उस वक्त गार्ड ऑफ आनर की बात उठने पर नियम आड़े आये थे। उस वक्त भाजपा नेताओं ने पहल करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को इस बात से अवगत कराया था।
इनको मिलेगा गार्ड ऑफ ऑनर
देहदान करने वाले या हृदय, लिवर, गुर्दे जैसे अंगों का दान करने वाले नागरिकों के पार्थिव शरीर को गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया जाएगा। यह आदेश मध्यप्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा समस्त संभागायुक्तों, कलेक्टरों, पुलिस आयुक्तों, पुलिस अधीक्षकों को भेजे गए हैं। आदेश में सभी संबंधित अधिकारियों से इसका पालन सुनिश्चित करने को कहा है। आदेश में साफ किया गया है कि इस पहल का उद्देश्य अंगदान और देहदान के प्रति समाज में जागरूकता बढ़ाना है। इन महान दानदाताओं के प्रति सम्मान व्यक्त करना है।
आयुष्मान कार्ड देने का भी था वादा
दानदाताओं के परिवारों को आयुष्मान कार्ड प्रदान करने की भी घोषणा की गई थी। इसके साथ सभी मेडिकल कॉलेजों में अंगदान व अंग प्रत्यारोपण की सुविधाओं का विस्तार करने की भी योजना तैयार की गई है।
इस निर्णय से बढ़ेंगे देहदान के मामले
उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक निर्णय है। देहदान और अंगदान जीवन का सबसे महान दान है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का यह निर्णय निश्चित ही अधिक से अधिक लोगों को अंगदान और देहदान के लिए प्रेरित करेगा। इसके माध्यम से अनेक लोगों को नया जीवन प्राप्त होगा।
मध्य प्रदेश में अंगदान की गति धीमी
नेशनल ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (एनओटीटीओ) की 2023 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में कुल 1,099 कैडेवर डोनेशन हुए थे। इनमें से तेलंगाना में सर्वाधिक 252 डोनेशन हुए, जबकि मध्य प्रदेश में यह संख्या मात्र 8 रही। एम्स भोपाल की यह सफलता निश्चित रूप से प्रदेश में अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने और लोगों को इस नेक कार्य के लिए प्रेरित करने में मील का पत्थर साबित होगी।