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बुजुर्ग यात्रियों का हक छीनकर रेलवे ने तीन साल में पाैैने चार हजार करोड़ अधिक कमाए

कोरोना काल में नुकसान का हवाला देकर बंद की गई रियायत से रेलवे कमाई में जुटा

हरिओम राय

समाचार आज । उज्‍जैन

इसे कहते हैं बिना शोरगुल से कमाई बढ़ाने का मैनेजमेंट। भारतीय रेल ने कोरोना काल में बुजुर्गों का हक छीनते हुए उन्‍हें दी जाने वाली रियायत पर रोक लगा दी थी। रेल सेवा बहाल होने के बाद भी रियायत प्रारंभ नहीं की गई, जिससे पिछले तीन साल में 3740 करोड़ अतिरिक्‍त कमाए हैं। वित्‍तीय वर्ष 2020-22 में 1500 करोड़ और 1 अप्रैल 22 से 31 मार्च तक 2023 करोड़ रुपए रेलवे ने बुजुर्गों की यात्रा के जरिए अतिरिक्‍त कमाए हैं।

भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने कोरोना महामारी के दौरान खराब वित्तीय हालत का हवाला देखते हुए सीनियर सिटीजंस को टिकट में मिलने वाली छूट बंद कर दी थी। इससे रेलवे ने फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में 2 हजार 242 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई की है। सूचना का अधिकार (RTI) कानून के तहत एक आवेदन पर मिली जानकारी में यह बात सामने आई। रेलवे ने 20 मार्च, 2020 से 31 मार्च, 2022 के बीच 1,500 करोड़ रुपये अधिक कमाए थे।

कोविड महामारी की शुरुआत के बाद बुजुर्ग यात्रियों को दी जाने वाली छूट संस्पेंड कर दी गई थी। कोरोना से पहले 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को रेल टिकट में 50 फीसदी तक की छूट मिलती थी। लंबे समय से इसे बहाल करने की मांग की जा रही है। लेकिन रेलवे ने अब तक इसे बहाल नहीं किया है।

रेल सुविधाएं बहाल, सुविधाओं का अभी-भी इंतजार

सीनियर सिटीजन यात्रियों से मिला कुल राजस्व 2020-22 के दौरान 3 हजार 464 करोड़ रुपये था। जो उन्हें रियायत की पेशकश पर होने वाली आय के मुकाबले 1,500 करोड़ रुपये अधिक है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान, रेलवे ने पुरुष वरिष्ठ नागरिक यात्रियों से 2,891 करोड़ रुपये, महिला यात्रियों से 2,169 करोड़ रुपये और ट्रांसजेंडरों से 1.03 करोड़ रुपये कमाए।

महिला वरिष्ठ नागरिक यात्री 50 प्रतिशत रियायत के लिए पात्र हैं, जबकि पुरुष और ट्रांसजेंडर सभी श्रेणियों में 40 प्रतिशत का लाभ उठा सकते हैं। रियायत का लाभ उठाने के लिए महिला की न्यूनतम आयु सीमा 58 वर्ष है, जबकि पुरुष के लिए यह 60 वर्ष है।

देश में कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के बाद मार्च 2020 से वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली रियायतें रोक दी गई थीं। उन रियायतों को अब तक बहाल नहीं किया गया है।

आठ करोड़ सीनियर सिटीजंस को छूट नहीं दी दो वर्ष में

मध्य प्रदेश के चंद्रशेखर गौर द्वारा आरटीआई कानून के तहत मांगी गई जानकारी में यह बात सामने आई है। आरटीआई के जवाब में रेलवे ने कहा कि एक अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 के बीच उसने लगभग आठ करोड़ सीनियर सिटीजंस को छूट नहीं दी। इनमें 4.6 करोड़ पुरुष, 3.3 करोड़ महिलाएं और 18,000 ट्रांसजेंडर शामिल हैं।

रियायत निलंबन के कारण सवा दो हजार करोड़ अतिरिक्‍त कमाई

आरटीआई के जवाब के मुताबिक इस अवधि के दौरान सीनियर सिटीजंस से कुल राजस्व 5,062 करोड़ रुपये रहा, जिसमें रियायत के निलंबन के कारण अर्जित अतिरिक्त 2,242 करोड़ रुपये शामिल हैं। सीनियर सिटीजंस के किराए से रेलवे को होने वाली कमाई में लगातार बढ़ोतरी हुई है।

20 मार्च 2020 से 31 मार्च 2022 के बीच रेलवे ने 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के 4.46 करोड़ पुरुष यात्री, 58 से अधिक उम्र की 2.84 करोड़ महिला यात्री और 8,310 ट्रांसजेंडर को रियायत का लाभ नहीं दिया।

ट्रेन सेवाएं जहां 2020 में अधिकांश समय और 2021 के कुछ हिस्सों में निलंबित रहीं वहीं सेवाओं के सामान्य होने के साथ ही रियायतों को बहाल करने की मांग उठने लगी है।

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