उज्जैन

गर्भवती को किया जा रहा था रैफर, सरकारी डॉक्टर निलंबित

अचानक निरीक्षण करने पहुंचे कलेक्टर के सामने उजागर हुई अस्पताल की कई खामियां, सीएमएचओ -आरएमओ का 7-7 दिन का वेतन भी काटा

समाचार आज। उज्जैन

उज्जैन में गुरूवार सुबह कलेक्टर आशीष सिंह ने जिला अस्पताल का आकस्मिक निरीक्षण किया जिला अस्पताल के आकस्मिक निरीक्षण के दौरान कई सारी अनियमितताएं मिलने के बाद कलेक्टर ने एक महिला डॉक्टर को निलंबित कर दिया। 2 डॉक्टर्स का 1 माह का और 3 कर्मचारियों का 7 दिन का वेतन काटने के निर्देश दे डाले। कलेक्टर ने सिविल सर्जन को भी खासी फटकार लगाई, उन्होंने सिविल सर्जन और आरएमओ का भी 7-7 दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए है।

उज्जैन जिला अस्पताल में कलेक्टर आशीष सिंह सुबह करीब 11 बजे आकस्मिक निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने ओपीडी, फार्मेसी सेक्शन आर्थोपेडिक तथा साइकेट्रिस्ट सेक्शन आदि का निरीक्षण किया। कलेक्टर ने गर्भवती महिला को अनावश्यक निजी चिकित्सालय में रैफर करने के कारण महिला चिकित्सक डॉ . रेखा गोमे को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। इसके साथ ही अस्पताल में पाई गई अनियमितताओं के कारण सिविल सर्जन डॉक्टर पी. एन. वर्मा एवं आरएमओ डॉ. जितेंद्र शर्मा का 7-7 दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए हैं।

आर्थोपेडिक ओपीडी में डॉक्टर नहीं. इंचार्ज का एक माह का वेतन काटने के निर्देश

कलेक्टर ने आर्थोपेडिक ओपीडी में किसी भी डॉक्टर के उपस्थिति नहीं पाए जाने पर आर्थोपेडिक सेक्शन के इंचार्ज डॉ. महेश मरमट का एक माह का वेतन काटने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने गुरूवार को ड्यूटी वाले डॉ. अजय दंडोतिया के ओपीडी में अनुपस्थित पाए जाने पर उनकी विभागीय जांच करने के निर्देश देते हुए 1 माह का वेतन काटने के लिए आदेश दिए है।

पिछले 3 माह से नहीं मिल रही दवाई

कलेक्टर जब सिविल अस्पताल का निरीक्षण कर रहे थे तब शांति नगर निवासी महिला कांताबाई ने पर्चा दिखाते हुए उन्हें बताया कि वे पिछले 3 माह से दवाई के लिए भटक रही है और उन्हें दवाई नहीं मिल रही है, बाजार से लाकर दवा खाना पड़ रही है। पर्चा देखने पर पता चला कि साइकेट्रिस्ट डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवा फार्मेसी सेक्शन से प्रदान नहीं की गई है। कलेक्टर ने फार्मेसी कक्ष का निरीक्षण किया। कंप्यूटर में इन्वेंटरी की जांच की तथा साइकेट्रिस्ट डॉक्टर विनीत से इस मामले में बातचीत कर पूरी तफ्तीश की तथा पाया कि विगत तीन माह से उक्त दवा स्टोर में नहीं है और दवाई प्राप्त करने के लिए किसी भी स्तर से गंभीर प्रयास नहीं किए गए। कलेक्टर ने इस लापरवाही पर तत्काल प्रभाव से फार्मेसी, स्टोर, परचेज सेक्शन देखने वाले शाखा प्रभारी रजत गांधी, विजय शर्मा और राघवेंद्र का साथ 7 – 7 दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने सिविल सर्जन डा. वर्मा को निर्देश दिए कि संबंधित महिला को रेडक्रास से तुरंत दवा खरीद कर दी जाए।

आगे-आगे इंटर्न डॉक्टर्स रेगुलर डॉक्टर साइड में

कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान पाया कि ओपीडी में आगे-आगे इंटर्न डॉक्टर्स को बैठाकर रेगुलर डॉक्टर साइड में बैठ कर आराम कर रहे हैं। मरीजों का उपचार इंटर्न डॉक्टर द्वारा किया जा रहा है। इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने सिविल सर्जन से कहा कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही ना हो और मरीजों का उपचार रेगुलर डॉक्टर ही करें। इंटर्न डॉक्टर को पीछे बिठाकर सिखाया जाए।

उपस्थिति बायोमेट्रिक से

कलेक्टर आशीष सिंह ने आरएमओ डा. जितेंद्र शर्मा को निर्देश दिए कि सभी डॉक्टर व कर्मचारियों की उपस्थिति बायोमेट्रिक मशीन के द्वारा ली जाए। उन्होंने कहा कि सॉफ्टवेयर में अलग-अलग टाइम में अलग-अलग शिफ्ट में काम करने वाले कर्मचारियों की बायोमेट्रिक से उपस्थिति लेने की सुविधा है इसलिए तुरंत प्रभाव से बायोमेट्रिक मशीन लगाकर ही उपस्थिति लेना सुनिश्चित किया जाए। निरीक्षण के दौरान सिविल सर्जन द्वारा बताया गया कि अस्पताल की मुख्य बिल्डिंग की लिफ्ट का काम चल रहा है और कुछ ही दिनों में लिफ्ट चालू हो जाएगी।

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