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सिंहस्थ 2028 के पहले उज्जैन को साफ पानी के लिए योजना, 933 करोड़ करेंगे खर्च

सिंहस्थ 2028 के पहले बदल देंगे पूरे शहर की पाइप लाइन, अभी 45 साल पुरानी लाइन से हो रहा है पेयजल सप्लाई

अगर प्रशासन का दावा सही साबित हुआ तो सिंहस्थ 2028 के पहले उज्जैन शहर को न सिर्फ रोज पानी मिलेगा, बल्कि गंदे पानी की समस्या से भी निजात मिल जायेगा। इसके लिये शहर की गलियों में बिछी 45 साल पुरानी पानी की सप्लाई पाइप लाइन बदलने की तैयारी प्रशासन ने की है। 45 साल पुरानी पूरी पाइप लाइन से शहर की प्यास बुझाना अब मुश्किल है। पुरानी पाइप लाइन व मोटर पंपों को बदलने की 933 करोड़ रुपए की नई योजना तैयार हो चुकी है और इसके टेंडर भी जल्द होने जा रहे है।

13 लाख की जनसंख्या के मान से तैयार की है योजना

मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर की जनसंख्या वर्तमान में साढ़े सात-आठ लाख है, जबकि दिन-प्रतिदिन शहर की सीमा में बढ़ौत्तरी हो रही है और रोज हजारों दर्शनार्थी भी उज्जैन आ रहे हैं। जिला प्रशासन ने 933 करोड़ की राशि से जो नया प्लान तैयार किया है, वह अगले 12 साल के हिसाब से है। प्रशासन का मानना है अगले 12 साल में जनसंख्या 13 लाख करीब हो जायेगी।ये प्लान 13 लाख की जनसंख्या तथा साल 2040 तक के लिए बनाया गया है। पीएचई के अधिकारियों का कहना है कि प्रतिदिन एक व्यक्ति को अधिकतम 135 लीटर पानी सारे उपयोग में लगता है। इस हिसाब से हरियाखेड़ी का 100 एमएलडी का प्लांट ही 5 लाख की जनसंख्या के हिसाब है। इस योजना के मूर्तरूप लेने के बाद 24 घंटे पानी मिलेगा। गर्मी में भी एक दिन छोड़कर जलप्रदाय की नौबत नहीं आएगी।

वर्तमान में शहर की पेयजल वितरण व्यवस्था

शहर की जनसंख्या वर्तमान में करीब 7.50 लाख है। यहां गंभीर डेम से जल सप्लाई किया जाता है। गंभीर डेम की क्षमता 2250 एमसीएफटी है। शहर में जल उपभोक्ता करीब 66 हजार हैं और सप्लाई के दौरान एक दिन में करीब 09 एमसीएफटी पानी की खपत होती है। गंभीर डेम बारिश में 2250 एमसीएफटी पूरी क्षमता से भर जाता था लेकिन गर्मी शुरू होते-होते यहां पानी कम पड़ जाता है। इस कारण गर्मी के दिनों में एक दिन छोड़कर जल सप्लाई करना पड़ता है।

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नई योजना के तहत 435 किमी की लाइन बिछेगी, नए स्टॉप डेम बनेंगे

पेयजल समस्या को समाप्त करने के लिये डब्ल्यूआरडी सेवरखेड़ी में नया स्टॉप डेम बनाएगी। जो कि बारिश का पानी शिप्रा नदी में रोके रखेगा। ये पानी सेवरखेड़ी डेम से सिलारखेड़ी में लिफ्ट करेंगे। सिलारखेड़ी की क्षमता 1800 एमसीएफटी हो जाएगी। {पेयजल आपूर्ति के लिए 200 एमएलडी का नया प्लांट तैयार किया जाएगा। इसमें 150 एमएलडी पानी की जरूरत मेला तथा 50 एमएलडी शहर में आने वाले आगंतुकों की है, इस मान से 100 एमएलडी का प्लांट हरियाखेड़ी, 65 एमएलडी का प्लांट अंबोदिया तथा 35 एमएलडी का प्लांट गऊघाट पर बनेगा। इस तरह पूरा 200 एमएलडी का प्लांट तैयार करेंगे। यह योजना 933 करोड़ रुपए की है। नए स्टॉप डेम के अलावा पूरे शहर में 435 किलोमीटर की नई पेयजल पाइप लाइन डाली जाएगी। 17 नई पानी की टंकियां बनेगी। दशहरा मैदान, सिंधी कॉलोनी समेत कुछ पुरानी हो चुकी टंकियां टूटेगी व उनके स्थान पर नई टंकियां बनेगी।

-हरिओम राय

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