Bhagat Singh’s fan : भगतसिंह के फैन-भगतसिंह की राह पर
Bhagat Singh's fan : धमाके से अपनी आवाज पहुंचाना चाहते हैं सरकार तक

Bhagat Singh’s fan : संसद पर हुए हमले और इस घटनाक्रम को अंजाम देने वाले छह युवा किरदारों में से कोई बेरोजगार इंजीनियर है तो कोई रिक्शा चलाता है तो कोई सेना में भर्ती होकर देशसेवा का जज्बा रखता है। आरोपियों का सोशल मीडिया पेज बता रहा है कि सभी भगतसिंह फैंस क्लब से जुड़े हैं। ये युवा भी कहीं खुद को आजाद भारत के भगत सिंह तो नहीं मान बैठे हैं जो किसी को नुकसान पहुंचाये बिना धमाके के जरिए सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाना चाहते हैं। जैसा कि आजादी के लिए शहीद भगतसिंह ने अंग्रेज सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए किया था।
संसद पर आतंकी हमले के 22 साल बाद एक बार फिर 13 दिसंबर को सुरक्षा में सेंध लगी। लोकसभा में दो युवक विजिटर गैलरी से कूदे और पीले रंग का धुआं उड़ाने लगे। बाद में ये दोनों युवक मामूली भागदौड़ के बीच सिक्योरिटी के हाथ आ जाते हैं। संसद के बाहर नारेबाजी करने वाले इनके दो साथी भी पकड़ लिये जाते हैं।
अभी तक की जांच में इस सिक्योरिटी ब्रेक के 6 किरदार सामने आए हैं। दो ने सदन के अंदर हंगामा किया, दो ने सदन के बाहर प्रदर्शन किया। ये चारों पुलिस की गिरफ्त में हैं। दो और लोग प्लानिंग में शामिल थे, इनमें से एक ने सभी को अपने घर में ठहराया था। उसे पुलिस ने पत्नी समेत हिरासत में ले लिया है। हालांकि, पत्नी इन छह आरोपियों में शामिल नहीं है। एक अभी भी फरार है। आरोपियों ने पहले ही संसद के बाहर की रेकी कर ली थी।
आरोपी भगत सिंह फैन क्लब से जुड़े
सभी आरोपी एक सोशल मीडिया पेज भगत सिंह फैन क्लब से जुड़े थे। इस मामले में संसद सचिवालय ने 8 सुरक्षाकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। सस्पेंड किए गए सुरक्षाकर्मियों के नाम रामपाल, अरविंद, वीर दास, गणेश, अनिल, प्रदीप, विमित और नरेंद्र है। लगभग डेढ़ साल पहले सभी आरोपी मैसूर में मिले थे। आरोपी सागर जुलाई में लखनऊ से दिल्ली आया था लेकिन संसद भवन में इंट्री नहीं कर सका था। 10 दिसंबर को एक-एक करके सभी अपने-अपने राज्यों से दिल्ली पहुंचे। घटना वाले दिन सभी आरोपी इंडिया गेट के पास इकट्ठा हुए, जहां सभी को कलर स्प्रे बांटा गया। और उसके बाद इन्होंने संसद में पहुंचकर अपने प्लान को अमलीजामा पहनाया।
घटनाक्रम को अंजाम देने वाले युवा और आम आदमी
यहां तो तथ्य उभरकर सामने आया है वो यह है कि इस पूरे घटनाक्रम को अंजाम देने वाले युवा हैं और आम आदमी की तरह जीवन बसर करते हैं। कोई इंजीनियर है जिसे काम की तलाश है तो कोई रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पेट पालता है। कुछ लोगों ने खालिस्तानी समर्थक आतंकी पन्नू के इशारे पर इस वारदात को करना बताया है क्योंकि पन्नू ने हमले की धमकी दी थी और धटना के बाद आरोपियों की लीगल मदद की पेशकश भी की है। लेकिन इनका सीधा-सीधा पन्नू से कोई लेना देना है, इसके कोई प्रमाण अभी नहीं मिले हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि इन्होंने ऐसा क्यों किया।
जानिए आरोपियों के बारे में
अब हम आपको बताते हैं आरोपियों के बारे में। संसद की विजिटर्स गैलरी में कूदने वाले 2 युवकों में से एक सागर शर्मा लखनऊ का रहने वाला है। सागर का परिवार लखनऊ के आलमबाग के रामनगर में किराए के घर में रहता है। पिछले 15 सालों से सागर का परिवार लखनऊ में रह रहा है। पिता रोशनलाल कारपेंटर हैं। सागर खुद लखनऊ में ई-रिक्शा चलाता है। सागर की मां ने बताया- बेटा कभी किसी से लड़ाई-झगड़ा नहीं करता था। परिवार में कुल मिलाकर चार लोग हैं। एक बहन, माता-पिता और सागर खुद। सागर की मां ने कहा, बेटा बहुत सीधा है, पता नहीं कैसे दिल्ली पहुंच गया। हमें बहुत जानकारी नहीं है। उधर, पड़ोसियों ने कहा कि हमें कभी इसकी जानकारी नहीं थी वह इन सब कामों में भी शामिल है। घर के पास ही नाना जगदीश, नानी उमा और मामा प्रदीप रहते हैं। इसी तरह एक अन्य आरोपी डी मनोरंजन कर्नाटक के मैसुरु का रहने वाला है। उसने 2016 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई बीई पूरी की थी। दिल्ली और बेंगलुरु में कुछ कंपनियों में काम करने के बाद वो फिलहाल बेरोजगार है और अब परिवार के साथ खेती का काम देख रहा था। मनोरंजन ने भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के ऑफिस से लोकसभा में एंट्री के लिए पास लिया था। उसने सागर शर्मा को अपना दोस्त बताया था। मनोरंजन के पिता देवराजे गौड़ा ने कहा, अगर मेरे बेटे ने गलत किया है, तो उसे फांसी पर लटका दीजिए। वह संसद हमारी है। इसे बनाने में महात्मा गांधी और नेहरू जैसे नेताओं ने कड़ी मेहनत की थी। हालांकि, उन्होंने यह भी दावा किया कि उनका बेटा ईमानदार और सच्चा है। उसकी एकमात्र इच्छा समाज के लिए अच्छा करना और समाज के लिए बलिदान देना है। एक अन्य आरोपी 25 वर्षीय अमोल शिंदे महाराष्ट्र के लातुर जिले के जरी गांव का रहने वाला है। उसने ग्रेजुएशन तक पढ़ाई की है। वह पुलिस और सेना भर्ती परीक्षाओं की तैयारी के साथ दिहाड़ी मजदूरी करता था। अमोल के मां-बाप और दो भाई भी मजदूरी करते हैं। अमोल के परिवार के मुताबिक, वह 9 दिसंबर को यह कहकर घर से निकला था कि वह सेना भर्ती के लिए दिल्ली जा रहा है। संसद के बाहर पकड़ी गई नीलम हरियाणा के हिसार की है। नीलम 42 साल की है और पेशे से टीचर है, साथ ही सिविल सेवा की पढ़ाई कर रही है। जिस समय सागर और मनोरंजन लोकसभा में हंगामा कर रहे थे, उसी वक्त अमोल और नीलम संसद के बाहर नारेबाजी कर प्रदर्शन कर रहे थे। नीलम हरियाणा के जींद जिले के घसो खुर्द गांव की रहने वाली है। पिछले 6 महीने से हिसार में पेइंग गेस्ट में रहकर हरियाणा सिविल सर्विस एग्जाम और हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा की तैयारी कर रही थी। नीलम के छोटे भाई राम निवास ने पुलिस को बताया कि हमें तो पता ही नहीं था कि वह दिल्ली गई है। उसने कई बार बेरोजगारी का मुद्दा उठाया। वह किसान आंदोलन में भी गई थी। पिता हलवाई हैं, जबकि मैं और मेरा भाई दूध का काम करते हैं। संसद के अंदर और बाहर प्रदर्शन करने वाले सागर, मनोरंजन, नीलम और अमोल शिंदे दिल्ली जाने से पहले गुरुग्राम में रुके थे। इनके साथ ललित झा भी था। यह लोग गुरुग्राम के सेक्टर 7 की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में रहने वाले विक्की के घर रुके थे। विक्की शर्मा मूल रूप से हरियाणा के हिसार का रहने वाला है। यहीं के पीजी में संसद के बाहर प्रदर्शन करने वाली नीलम पिछले 6 महीने से रह रही थी। विक्की शर्मा और उसकी पत्नी भी हिरासत में हैं। माना जा रहा है पांचवे आरोपी विक्की के साथ ही पूरे मामले की प्लानिंग की थी, उसकी पत्नी हिरासत में जरुर है, लेकिन वो इस अपराध में इनकी साथी नहीं हैं। अब पुलिस को छठे किरदार की तलाश है जिसका नाम है ललित। जो हरियाणा का रहने वाला है। इसके बारे में इससे ज्यादा जानकारी अभी बाहर नहीं आई है।
भगतसिंह की राह पर क्यों चले उनके फेन
तो आपने देखा कि संसद का सुरक्षाघेरा तोड़कर उथल-पुथल करने वाले इन युवाओं की टोली का वास्तविक परिचय क्या है। सभी भगतसिंह के फैन हैं और उन्हीं की राह पर चलकर सरकार तक अपनी बात पहुंचाना चाहते हैं। हालांकि अभी यह खुलासा होना बाकी है कि इनकी मांग क्या है और उन्हें मनवाने के लिए इन्होंने यह कदम क्यों उठाया, क्योंकि आजाद भारत में ऐसे और भी कई रास्ते हैं जिनकी मदद से सरकार तक अपनी बात आसानी से पहुंचाई जा सकती है।