मध्यप्रदेश

24 घंटे में 29 से 100 फीट पर खिसकी मासूम सृष्टि

300 फीट गहरा है बोर, अब सेना ने संभाला मैदान, सीहोर की बच्‍ची के लिए जारी है प्राार्थना दौर

समाचार आज @ सीहोर

मध्‍यप्रदेश के सीहोर जिले के मुंगावली गांव में मंगलवार 6 जून 2023 को 300 फीट गहरे बोरवेल में गिरी 3 साल की बच्ची 24 घंटे बाद भी बाहर नहीं निकाली जा सकी। बच्ची मुंगावली में मंगलवार दोपहर करीब एक बजे बोर में गिरकर 29 फीट नीचे फंस गई थी। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान कंपन से वह बोरवेल में नीचे धंस रही है। बच्ची अब करीब 100 फीट नीचे चली गई है।

मंगलवार दोपहर दो बजे से एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन कर रही है। उसे निकालने के लिए 10 से ज्यादा JCB और पोकलेन मशीनों की मदद से 5 फीट दूरी पर समानांतर गड्‌ढा खोदा जा रहा है। टीम बुधवार 7 जून सुबह 11.30 बजे तक बोर के पैरेलल 32 फीट ही खुदाई कर सकी। बुधवार को आर्मी ने भी मोर्चा संभाल लिया।

बोरबेल में पहुंचा रहे हैं ऑक्‍सीजन, कैमरे से रख रहे नजर

बच्ची का नाम सृष्टि है। उसके पिता का नाम राहुल कुशवाहा है। मौके पर SP मयंक अवस्थी भी मौजूद हैं। बच्ची तक ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही है। उसके मूवमेंट पर नजर रखने के लिए बोरवेल के अंदर इंस्पेक्शन कैमरा भी डाला गया है। एंबुलेंस और मेडिकल टीम भी मौके पर तैनात है।

हुक से निकालने का भी किया प्रयास

बोर में हुक डालकर बच्‍ची को निकालने का प्रयास किया गया था, जो सफल नहीं हो सका है। बोर में हल्का पानी रिस रहा है। जिला पंचायत CEO आशीष तिवारी ने बताया कि बच्ची के मूवमेंट नहीं आ रहे हैं। खुदाई में नीचे मिले पत्थर बहुत ही हार्ड हैं। पत्थरों के कारण खुदाई में दिक्कत आ रही है। उन्हें तोड़ने के लिए पोकलेन मशीन के पंजे से बड़ी ड्रिल मशीन को बांधा हुआ है। उसी की मदद से पत्थर को तोड़ा जा रहा है। यही कारण है कि रेस्क्यू में तेजी नहीं आ पा रही है।

सीएम बोले-हमने आर्मी को मौके पर भेजा है

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बच्ची को निकालने के प्रयास लगातार जारी हैं, लेकिन खोदते समय वाइब्रेशन के कारण वह नीचे खिसक गई है। हमने आर्मी को कॉल कर मौके पर भेजा है। NDRF और SDRF पहले से काम कर रही हैं। हमारा पूरा प्रयास है बच्ची को सुरक्षित निकाल लिया जाए।

गृहमंत्री बोले- जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, ऐसे मामलों में हर बार कार्रवाई की जाती है और इस बार भी की जाएगी। प्रशासन लगातार रात भर जागकर रेस्क्यू में लगा है। चूंकि बोरिंग चट्‌टानों के बीच है, इसलिए मुश्किलें आ रही हैं। होमगार्ड, NDRF, SDRF के जवान वहां मौजूद हैं। दिक्कत तब आती है जब ड्रिलिंग की जाती है, बच्ची नीचे सरक रही है। लगातार युद्ध स्तर पर प्रयास जारी है।

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