ओम और अल्लाह एक, मौलाना के इस बयान पर आपत्ति

नईदिल्ली में जमीयत के मंच से मौलाना अरशद मदनी के बयान के विरोध में जैन मुनि ने मंच छोड़ा
समाचार आज
दिल्ली के राम लीला मैदान में जमीयत-ए-उलेमा-ए-हिंद के प्रोग्राम का रविवार को आखिरी दिन है। अंतिम दिन मौलाना अरशद मदनी ने मोहन भागवत के बयान पर जवाब दिया तुम्हारे पूर्वज हिंदू नहीं, मनु थे यानी आदम। मदनी ने आगे यह भी कहा कि ओम और अल्लाह एक ही है। मदनी के इस बयान पर कई धर्मों के गुरुओं ने आपत्ति जताई और विरोध में मंच छोड़ दिया। जमीयत-ए-उलेमा-ए-हिंद के प्रोग्राम में मदनी संघ प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान का जवाब दे रहे थे, जिसमें भागवत ने कहा था कि हिंदुओं और मुसलमानों के पूर्वज एक जैसे हैं।
हजरत आदम जो नबी थे, सबसे पहले उन्हें भारत की धरती के भीतर उतारा
मौलाना मदनी ने कहा, ‘हजरत आदम जो नबी थे, सबसे पहले उन्हें भारत की धरती के भीतर उतारा। अगर चाहता तो आदम को अफ्रीका, अरब, रूस में उतार देता। वो भी जानते हैं, हम भी जानते हैं कि आदम को दुनिया में उतारने के लिए भारत की धरती को चुना गया। मैंने बड़े-बड़े धर्मगुरुओं से पूछा कि अल्लाह ने जिस पहले आदमी को धरती पर उतारा वो किसकी पूजा करता था। दुनिया के अंदर अकेला आदम था, उसे कहते क्या हो। लोग अलग-अलग बातें कहते थे। धर्मगुरुओं ने कहा कि हम उसे मनु कहते हैं, हम आदम कहते हैं, अंग्रेजी बोलने वाले एडम कहते हैं। हम आदम की औलाद को आदमी और ये मनु की औलाद को मनुष्य कहते हैं।’

जैन गुरु बोले यह मंच जोड़ने के लिए है तो यह बात क्यों
मौलाना मदनी के बयान का जैन मुुनि लोकेश ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह अधिवेशन लोगों को जोड़ने के लिए हो रहा है। ऐसे में इस तरह का बयान कहां जायज है। मुनि लोकेश ने मंच पर यह बात कही। इसके बाद वे कार्यक्रम से उठकर चले गए। उनके बाद कई अन्य धर्मों के संतों ने भी कार्यक्रम छोड़ दिया।
मदनी बोले- मोहम्मद साहब का अपमान मंजूर नहीं
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मदनी ने कार्यक्रम में कहा कि पैगंबर को अपमान मुस्लिम मंजूर नहीं करेंगे। मोहम्मद साहब के खिलाफ बयान नहीं दिए जाने चाहिए। भारत में अभी शिक्षा का भगवाकरण किया जा रहा है और ये उचित नहीं है। दूसरे धर्मों की किताबें थोपी नहीं जानी चाहिए। ये संविधान के खिलाफ है।
जानिए कौन हैं मौलाना अरशद
जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना असद मदनी थे। उनका 2008 में इंतकाल हो गया था। इसके बाद जमीयत की अगुवाई को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मौजूदा चीफ महमूद मदनी का अपने चाचा मौलाना अरशद मदनी से विवाद हो गया। लंबे झगड़े के बाद जमीयत दो हिस्सों में बंट गई। एक गुट की अगुवाई महमूद मदनी और दूसरे गुट की अगुवाई अरशद मदनी करने लगे। दोनों ने अपनी-अपनी जमीयत उलमा-ए-हिंद का राष्ट्रीय अध्यक्ष पद ले लिया था। हालांकि, पिछले साल दोनों में सुलह हो गई थी।
जमीयत चीफ ने कहा था- देश जितना मोदी-भागवत का, उतना हमारा
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के चीफ महमूद मदनी ने शनिवार को कहा था कि भाजपा और RSS से हमारा कोई धार्मिक मतभेद नहीं है, बल्कि वैचारिक मतभेद है। दिल्ली के रामलीला मैदान में शनिवार को जमीयत के 34वें अधिवेशन में उन्होंने कहा- भारत जितना मोदी और भागवत का है, उतना ही मदनी का भी है। जमीयत चीफ ने कहा- हम RSS और उसके सर संघ चालक को न्योता देते हैं। आइए, आपसी भेदभाद और दुश्मनी को भूलकर एक दूसरे को गले लगाएं और देश को दुनिया का सबसे शक्तिशाली मुल्क बनाएं। हमें सनातन धर्म से कोई शिकायत नहीं है, आपको भी इस्लाम से कोई शिकायत नहीं होनी चाहिए।