मध्यप्रदेश

ऑनलाइन ठगी में किया था चायवाले राहुल के अकाउंट का उपयोग

अब मास्टरमाइंड की तलाश

समाचार आज। उज्जैन


होटल कर्मचारी के खातों से करोड़ों का ट्रांजेक्शन मामले की जांच में पुलिस को पता चला है कि ऑनलाइन ठगी के लिये खातों का उपयोग किया गया है। मामले का मास्टर माइंड फरार है, जिसकी तलाश के बाद ठगी में शामिल लोगों को सुराग मिल पायेगा।
पदमावती कालोनी निवासी होटल कर्मचारी राहुल मालवीय को कुछ लोगों ने नौकरी का झांसा देकर चार खाते खुलवाये थे। जिसमें कुछ दिनों पहले करोड़ों का ट्रांजेक्शन होना सामने आने के बाद माधवनगर पुलिस ने राहुल की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच में लिया था।

ट्रांजेक्शन का मास्टर माइंड सौरभ गुप्ता होना सामने आया था। मामले में इंदौर से भोला और मांगीलाल को पकड़ा गया था। दोनों सौरभ के मोहरे होना सामने आये थे। उनके खातों का उपयोग भी फर्जी ट्रांजेक्शन के लिये किया गया था। पुलिस ने खातों में आये पैसे की जानकारी बैंक से मांगी। जिसमें पता चला कि ऑनलाइन ठगी के लिये कम पढ़े-लिखे लोगों को सौरभ ने अपने जाल में फंसाया था। जिसके खाते खुलवा कर उनके नाम से कंपनियां बनाई गई थी। गिरोह से जुड़े लोगों को ठगने के लिये कई तरह के गेम डाउनलोड करते थे और बदले में 100 से 1 हजार रुपये तक जमा कराते थे। जिसके बदले में कुछ पैसे प्रतिदिन रिर्टन देते थे। लोगों से ऑनलाइन काम करने का झांसा देकर एक दिन में हजारों रुपये ट्रांजेक्शन करा लेते थे। जिनका उपयोग चाय वाले राहुल के खातों में कराकर बाद में उसे निकाल लिया जाता था। पैसा विदेशों से नहीं आता था बल्कि ठग गिरोह द्वारा बनाई गई फर्जी कंपनी के नाम से आता था। पुलिस को बैंक से काफी डिटेल मिली है। लेकिन यह भी पता चला कि कम पैसा ऑनलाइन लेने पर कोई शिकायतकर्ता भी सामने नहीं आता था।
पुलिस जांच के दौरान सामने आया कि राहुल मालवीय के खाते में 1 करोड़ 96 लाख का ट्रांजेक्शन किया गया। शातिर ठगों ने उसके नाम से कंपनी खोल रखी थी। जिसके माध्यम से उसके खातों में पैसा ट्रांसफर किया जाता था। ऐसे ही इंदौर से गिरफ्तार किये गये भोला के खातों से भी 1 करोड़ 76 लाख का ट्रांजेक्शन किया गया। कई प्रदेशों के लोगों को गेम, इवेंस्मेंट और फर्जी साइड को फेसबुक, वाट्सएप और अन्य सोशल साइड पर अपलोड करने के नाम से पैसे लिये गये।

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