कचरे की आग में प्लांट सुलगा, लाखों का नुकसान

समाचार आज। उज्जैन
उज्जैन के गोंदिया ट्रेचिंग ग्राउंड में बुधवार की शाम भीषण आग लग गई है। बुधवार की शाम लगी आग को बुझाने का काम गुरुवार को भी जारी रहा। आगजनी की इस घटना में लाखों रूपए कीमत का रिफ्यूज डिराइज्ड फ्यूल (आरडीएफ) जलकर नष्ट हो गया है, इसके अलावा प्री-सेग्रिगेशन मशीन को भी नुकसान पहुंचा है। ट्रेचिंग ग्राउंड प्लांट पर 40 से ज्यादा कर्मचारी काम करते है, गनीमत रही कि इनमें से कोई हताहत नहीं हुआ।
उज्जैन में चिंतामण जवासिया के पास गोंदिया ट्रेचिंग ग्राउंड में पूरे शहर का गीला और सूखा कचरा भेजा जाता है। उज्जैन वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी इस प्लांट का संचालन करती है। बुधवार की सुबह गोंदिया ट्रेचिंग ग्राउंड पर कचरे में आगजनी की शुरूआत हुई। सुबह करीब 10 बजे शहर से दो फायर फायटर आग पर काबू पाने के लिए भेजे गए थे। शाम 6 बजे यहां फिर से आगजनी की सूचना आई। फायर फाइटर जब तक यहां पहुंचता आग ने भीषण रूप ले लिया था, आग की लपटो ने प्लांट को भी चपेट में ले लिया था। बुधवार शाम से लेकर गुरुवार सुबह तक प्लांट और ट्रेचिंग ग्राउंड पर आग बुझाने का काम चलता रहा। 6 फायर फाइटर्स और 40 वॉटर लॉरियों की मदद से आग पर काबू पाने की कोशिश पूरी रात चलती रही। गुरुवार सुबह प्लांट से उठ रही लपटों पर तो काबू पा लिया गया लेकिन धुआं लगातार उठता रहा। गोंदिया ट्रेचिंग ग्राउंड पर शहर से हर रोज एकत्रित होने वाले करीब 150 टन गीले कचरे और 50 टन सूखे कचरे को लाया जाता है। ट्रेचिंग ग्राउंड और प्लांट पर गीले कचरे से खाद बनाई जाती है जबकि सूखा कचरा को निष्पादित कर आरडीएफ (कोयले का विकल्प) बनाया जाता है। ट्रेचिंग ग्राउंड के प्लांट पर आरडीएफ में ही आग लगी, लिहाजा इसे बुझाने में काफी मशक्कत करना पड़ी। 26 अप्रैल 2017 और 23 मई 2018 को भी इसी गोंदिया ट्रेचिंग ग्राउंड पर भीषण आगजनी हो चुकी है। 23 मई 2018 की आगजनी में प्लांट को खासा नुकसान पहुंचा था और यहां रखा रिफ्यूज्ड डिराइज्ड फ्यूल (आरडीएफ) जलकर नष्ट हो गया था। उज्जैन वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी के डायरेक्टर ऋषभ सुराना कहते है कि यहां हुए नुकसान का आंकलन नहीं निकाला जा सका है। प्लांट के भीतर जाने के बाद ही नुकसान की स्थिति साफ हो सकेगी।