सावन के पहले सोमवार पर भारी संख्या में उमड़े महाकाल भक्त

चलित लाइन के जरिए हजारों लोगों को करवाये भस्मारती दर्शन
बृजमोहन वाजपेयी
समाचार आज @ उज्जैन
उज्जैन में सावन के पहले सोमवार 10 जुलाई को शिव भक्तों की जबर्दस्त भीड़ उमड़ी है। भगवान श्री महाकालेश्वर के दर्शन के लिए उज्जैनवासियों के साथ-साथ देशभर के दर्शनार्थी उज्जैन पहुंचे हैं।
भस्म आरती के लिए रात 2.30 बजे महाकाल मंदिर के पट खोले गए। भस्म आरती में भगवान महाकाल का पंचामृत अभिषेक पूजन कर विशेष श्रृंगार हुआ। देशभर के 12 ज्योतिर्लिंगों में से सिर्फ एक महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती की परंपरा है और इसके दर्शन के लिए भक्त लालायित रहते हैं। जिन भक्तों को भस्मारती दर्शन की परमिशन नहीं मिल पाई, उन्हें मंदिर समिति ने कतार के जरिए चलित भस्म आरती दर्शन करवाये।
भस्मारती के बाद जल से भगवान महाकाल का अभिषेक करने के बाद दूध, दही, घी, शक्कर, शहद और फलों के रस से बने पंचामृत से पूजन किया गया। भांग, चंदन, सूखे मेवों से बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार कर भस्म अर्पित की गई। इसके बाद रजत का त्रिपुंड, त्रिशूल और चंद्र अर्पित किया गया। शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुंडमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ सुगंधित पुष्प से बनी फूलों की माला अर्पित की गई। मोगरे और गुलाब के पुष्प अर्पित कर फल और मिष्ठान का भोग लगाया गया। मान्यता है कि भस्म अर्पित करने के बाद भगवान निराकार से साकार रूप में दर्शन देते हैं।