उज्जैन

ट्रैंचिंग ग्राउंड की आग कहीं करोड़ों का खेल तो नहीं

निगम आयुक्त आग के कारण और बीमा दावे की करा रहे हैं जांच

समाचार आज। उज्जैन

उज्जैन में गोंदिया ट्रेचिंग ग्राउंड में हुई आगजनी की घटना के बाद बहुत से सवालों के जवाब अधूरे रह गए है। करोड़ो रूपए बीमा क्लेम से जुड़े इस मामले में अनसुलझे सवालों का जवाब तलाशने के लिए नगर निगम आयुक्त ने जांच शुरू करवा दी है। ट्रेचिंग ग्राउंड की ठेकेदार कंपनी उज्जैन वेस्ट मैनेजमेंट और नगर निगम के कुछ अधिकारियों की पूरे घटनाक्रम पर भूमिका संदेह के दायरे में है।

उज्जैन शहर से नजदीक गोंदिया गांव में 20 अप्रैल को नगर निगम के ट्रेचिंग ग्राउंड और प्लांट पर आग लग गई थी। सुबह गोंदिया ट्रेचिंग ग्राउंड पर आग लगने की सूचना के बाद दो फायर फायटर आग पर काबू पाने पहुंचे थे। कुछ देर में ही दोनों फायटर वापस भी लौट आए, इसके बाद शाम करीब 5 बजे दोबारा से ट्रेचिंग ग्राउंड पर आग लगने की सूचना फायर ब्रिगेड को मिली। फायर फायटर यहां पहुंचते इससे पहले ही आग ने भयावह रूप ले लिया था। ट्रेचिंग ग्राउंड प्लांट को भी आग ने अपनी चपेट में ले लिया था। करीब 16 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। आगजनी की इस घटना में ट्रेचिंग ग्राउंड प्लांट और यहां रखी मशीनरी को खासा नुकसान पहुंचा है। आर्थिक नुकसान तो हुआ ही इसके अलावा स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 की रेंकिंग में भी उज्जैन का नुकसान हुआ है। कुछ दिन बाद ही सर्वेक्षण दल ट्रेचिंग ग्राउंड प्लांट का निरीक्षण करने आने वाला था। आगजनी का यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ जब नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता शहर में मौजूद नहीं थे।

7 सदस्यीय दल का गठन

नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता ने अपर आयुक्त आशीष पाठक की अध्यक्षता में 7 सदस्यीय दल के गठन संबंधी आदेश जारी किए है। जांच दल में पाठक के अलावा अपर आयुक्त वित्त आदित्य नागर, उपायुक्त संजेश गुप्ता, कार्यपालन यंत्री एलडी दोराया, फायर ऑफिसर राजेश तिवारी, वर्कशॉप उपयंत्री विजय गोयल और उपयंत्री गायत्री प्रसाद डेहरिया को सदस्य बनाया गया है।

क्या रही आग लगने की वजह जवाब तलाशेगा जांच दल

ट्रेचिंग ग्राउंड और प्लांट पर आग लगने की वजह क्या रही, 20 अप्रैल की सुबह ही आग लगने की सूचना मिल गई थी फिर शाम को आग ने विकराल रूप कैसे लिया, यहां रखे कीमती सामान, उपकरण और जलाऊ सामग्री को समय रहते हटाया क्यों नहीं जा सका इन सवालों का जवाब जांच दल तलाशेगा। इसके अलावा इस घटनाक्रम में किन अधिकारियों-कर्मचारियों की लापरवाही रही, प्लांट ऑपरेट करने वाली एजेंसी द्वारा दुर्घटना से निपटने के लिए समुचित इंतजाम किए गए थे या नहीं और आगजनी की घटना में हुए प्लांट और ट्रेचिंग ग्राउंड को कितना नुकसान हुआ इसका आंकलन भी किया जाएगा।

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