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मध्यप्रदेश की पहली मेडिसिटी व मेडिकल कॉलेज का उज्जैन में भूमिपूजन

मध्यप्रदेश की पहली मेडिसिटी की लागत 592 करोड़ रुपए, उज्जैन में ही मेडिकल टूरिज्म भी स्थापित होगा

मध्यप्रदेश की पहली मेडिसिटी व मेडिकल कॉलेज उज्जैन में प्रारंभ हो रहा है। प्रदेश में निरंतर सुदृढ़ होती स्वास्थ्य सुविधा के क्रम में आज मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन में 592.30 करोड़ रूपये लागत से निर्मित होने वाली मेडिसिटी एवं शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय का गुरुवार 21 नवंबर 2024 को भूमिपूजन किया।

यह मेडिसिटी एवं शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय सिंहस्थ 2028 के पूर्व प्रारंभ होगा। उज्जैन में प्रायवेट सेक्टर के साथ मिलकर मेडिकल टूरिज्म की स्थापना भी की जाएगी। उज्जैन में प्रदेश ही नहीं बल्कि विदेशों से आने वाले सभी मरीजों का उपचार किया जायेगा।

सिंहस्थ 2028 के पहले शुरू हो जायेगी मेडिसिटी

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मध्यप्रदेश के उज्जैन के लिए मेडिसिटी एवं चिकित्सा महाविद्यालय की सौगात दी गई है। भूमिपूजन के साथ ही इसका निर्माण शुरू होगा और सिंहस्थ के पूर्व तैयार हो जायेगा। उज्जैन में हाईटेक स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ मेडिकल डिवाईस पार्क भी विकसित होगा। एक ही परिसर में सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हाईराईज बिल्डिंग बनाई जाएगी तथा एक-एक इंच भूमि का उपयोग किया जायेगा। परिसर में ही चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ आदि के लिए आवासीय व्यवस्था रहेगी।

प्रदेश में संचालित हो रहे हैं 30 मेडिकल कॉलेज

सीएम डॉ. यादव ने कहाकि आजादी के बाद 1956 में मध्यप्रदेश गठन के पश्चात 2003-04 तक प्रदेश में कुल 5 मेडिकल कॉलेज थे। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश में कुल 30 मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं, जिनमें 17 सरकारी हैं और 13 निजी क्षेत्र के हैं। उन्होंने कहा कि सरकार और समाज सहकार के साथ व्यवस्थाएं बनाएंगे। अगले वर्ष 12 मेडिकल कॉलेज और तैयार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिन चिकित्सालयों की क्षमता अधिक है वहां चिकित्सा शिक्षा की व्यवस्था करने की भी योजना है। प्रदेश में पहले चिकित्सा शिक्षा एवं लोक स्वास्थ्य अलग-अलग विभाग होते थे, जिन्हें अब एक कर दिया गया है। सरकार एक-एक पैसे का सदुपयोग कर आम जनता को सुविधाएं दे रही है।

प्रदेश में मरीजों को एयर एंबुलेंस की सुविधा भी

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा आयुष्मान भारत निरामय योजना शुरू करने के बाद राज्य सरकार ने भी तीन महीने में ही गंभीर मरीजों को एयर लिफ्ट कर बड़े चिकित्सालयों में उपचार कराने की सुविधा शुरू की है। जिन स्थानों पर एयरपोर्ट या हवाई पट्टी नहीं है वहां हेलीकॉप्टर से एयर लिफ्ट कर मरीजों को उपचार की सुविधा दी जा रही है। वर्तमान में प्रदेश में 5000 विद्यार्थियों को चिकित्सा शिक्षा प्रदान की जा रही है, जो आने वाले समय में 10 हजार हो जायेगी।

प्रदेश में 5 आयुर्वेदिक कॉलेज भी जल्द शुरू होंगे, उज्जैन में हौम्योपैथी कॉलेज खुलेगा

प्रदेश में आयुर्वेद के 5 मेडिकल कॉलेज शुरू कर रहे हैं। उज्जैन के आयुर्वेदिक धनवंतरी महाविद्यालय को सर्वसुविधायुक्त एम्स की तरह बनाया जायेगा, इसकी प्रक्रिया चल रही है। साथ ही उज्जैन में हौम्योपैथी महाविद्यालय भी शुरू कर रहे हैं। सीएम ने कहा, 55 साल पहले प्रदेश में 5 मेडिकल कॉलेज थे। अब 17 चल रहे हैं। 13 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज भी हैं। इस हिसाब से 30 मेडिकल कॉलेज एमपी में हैं। पीपीपी मोड पर 12 मेडिकल कॉलेज और बन रहे हैं। 8 सरकारी मेडिकल कॉलेज निर्माणाधीन हैं। 5 आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज भी जल्द शुरू होंगे।

एमबीबीएस की 8 से 10 हजार सीटें बढ़ जायेगी

मेडिसिटी और मेडिकल कॉलेज के भूमि पूजन कार्यक्रम में डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने कहा, डॉ. मोहन यादव को सीएम बने हुए एक साल भी पूरे नहीं हुए और उज्जैन को मेडिसिटी बनाया जा रहा है। प्रदेश में कई मेडिकल कॉलेज खुलने जा रहे हैं। इससे प्रदेश में एमबीबीएस की 8 से 10 हजार सीट बढ़ेंगी।

प्रदेश के सभी चिकित्सालयों को मिलेंगे शव वाहन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को रोजगार मूलक पैरामेडिकल एवं नर्सिंग की शिक्षा देने के निर्देश दिये गये हैं, इससे प्रदेश में रोजगार उपलब्ध होगा। साथ ही विश्वविद्यालय को ही पैरामेडिकल एवं नर्सिंग परीक्षाएं भी आयोजित करने के निर्देश दिये गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी चिकित्सालयों में शव वाहन की व्यवस्था भी करने के निर्देश दिये गये हैं। इस दौरान उप-मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल, प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल, राज्यसभा सांसद बालयोगी उमेशनाथ जी महाराज, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक अनिल जैन कालूहेडा, सतीश मालवीय, जितेन्द्र सिंह पंड्या, डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान, महापौर मुकेश टटवाल, नगर निगम सभापति कलावती यादव, आईएमए सदस्य, डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टॉफ, नागरिक संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद थे।

कार्यक्रम में उज्जैन के लिए सीएम की घोषणाएं

  • 2025 में आयुर्वेदिक एम्स मेडिकल कॉलेज मिलने की संभावना है, होम्योपैथिक कॉलेज भी खुलेगा।
  • मेडिसिटी के जरिए 1500 से ज्यादा बेड वाले सुपर और मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल का प्रबंधन किया जाएगा।
  • शहर के फ्रीगंज में नया कार्यालय बनेगा। एक जगह आइजी, डीआइजी, एसपी, कलेक्टर, दूसरे अधिकारियों के कार्यालय होंगे।

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मेडिसिटी व चिकित्सा महाविद्यालय की खासियत

  • प्रदेश की मेडिसिटी व मेडिकल कॉलेज प्रदेश की पहली मेडिसिटी होगी।
  • यह 14.97 एकड़ में 592.3 करोड़ रूपये की निर्माण लागत से बनेगा।
  • मेडिसिटी एवं चिकित्सा महाविद्यालय परिसर में 6 हाईराइज टॉवर होंगे।
  • टीचिंग हॉस्पीटल का भवन 9 मंजिला होगा जिसमें बेसमेंट भी शामिल है।
  • मेडिकल कॉलेज का भवन 8 मंजिला होगा इसमें भी बेसमेंट बनाया जाएगा।
  • नर्सेस होस्टल, आरडीएच ब्लॉक व यूजी इंटर्न गर्ल्स होस्टल के भवन 14 मंजिला होंगे।
  • यूजी इंटर्न बॉइस होस्टल का भवन 11 मंजिला होगा।
  • मेडिसिटी चिकित्सा महाविद्यालय सम्पूर्ण रूप से दक्ष होगा इसमें रिसर्च एंड डवलपमेंट की सभी सुविधाएँ होंगी
  • महाविद्यालय में 550 बेड की क्षमता का अस्पताल होगा तथा इसमें 150 मेडिकल छात्रों को चिकित्सा शिक्षा प्रदान की जाएगी।
  • महाविद्यालय में 380 क्षमता का नर्सिंग होस्टल, यूजी इन्टर्न गल्र्स व बॉयस होस्टल, सर्विस ब्लॉक, लाईब्रेरी, पार्किंग, जिमनेशियम, फुटओवर ब्रीज की सुविधाओं से सम्पन्न होगा।
  • मेडिसिटी मेडिकल कॉलेज के भवन में उर्जा दक्षता, फायर सेफ्टी, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग, सोलर पॉवर, इलेक्ट्रिसिटी बेकअप, सिवरेज ट्रीटमेंट प्लाँट आदि आधुनिक तकनीकिओं का उपयोग होगा।

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