मध्यप्रदेश

आरटीओ चैक पोस्ट पर वर्दी और बॉर्डी वॉर्न कैमरे के बिना नहीं होगी चैकिंग

आरटीओ चैक पोस्ट पर वाहन चैकिंग को लेकर ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने जारी की गाइडलाइन

मध्यप्रदेश में आरटीओ चैक पोस्ट rto check post को लेकर मध्यप्रदेश के ट्रांसपोर्ट कमिश्रर ने अप्रैल 2025 को नई गाइडलाइन जारी की है। उसी के मुताबिक प्रदेश की सीमाओं पर आरटीओ का उडऩदस्ता चैकिंग कर सकता है। हालांकि सरकार ने पहले इन चैक पोस्ट को बंद करने के आदेश दे दिये थे। लेकिन इसके बाद भी ट्रकों और वाहनों से अवैध वसूली की लगातार शिकायतें मिलने के बाद परिवहन आयुक्त ने नया आदेश जारी किया है।

इस आदेश में परिवहन विभाग के अमले द्वारा की जाने वाली वाहन चेकिंग को लेकर स्पष्ट दिशा- निर्देश दिए गए हैं। परिवहन आयुक्त विवेक शर्मा ने अपने आदेश में साफ लिखा है कि जारी निर्देशों का अक्षरश: पालन कराने की जिम्मेदारी संबंधित यूनिट प्रभारी की होगी। इन निर्देशों का पालन करने में चूक होने पर प्रभारी पर अनुशासनात्मक, दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।

क्या हैं चैक पोस्ट और चेक पॉइंट

1 जुलाई 2025 से पहले मध्यप्रदेश की सीमाओं पर 47 चैक पोस्ट थे। इन चैक पोस्ट से गुजरने वाले हर ट्रक को अपने कागज चेक कराने होते थे। साल 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद चैक पोस्ट की अहमियत खत्म हो गई। केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्रालय ने राज्यों को चैक पोस्ट हटाने के लिए कहा था। 1 जुलाई के बाद मप्र में 45 चैक पॉइंट बनाए गए हैं। परिवहन विभाग के निर्देश के मुताबिक परिवहन अमले को मोबाइल यूनिट्स के जरिए राज्य में दाखिल होने वाले अवैध संचालित वाहनों की जांच करने। मोटर व्हीकल टैक्स और शमन शुल्क की वसूली का काम सौंपा गया है। अमले को हिदायत दी गई है कि वह वर्दी में ही चैक पॉइंट पर राज्य में दाखिल हो रहे अवैध वाहनों की जांच करें।

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ट्रांसपोर्ट आयुक्त के निर्देश, जिसके मुताबिक ही टीम कार्रवाई करेंगी

  • वाहन चैकिंग को लेकर परिवहन आयुक्त ने आदेश दिए कि कम से कम एक सहायक परिवहन उप निरीक्षक स्तर के अधिकारी की मौजूदगी में ही चैकिंग की जाएगी।
  • चैकिंग के समय पूरा स्टाफ वर्दी में होना चाहिए। सभी की वर्दी पर नेम प्लेट भी लगी होनी चाहिए। यूनिट के साथ अटैच ड्राइवर के अलावा कोई भी प्राइवेट व्यक्ति चेकिंग की कार्यवाही के दौरान प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं होना चाहिए।
  • चालानी कार्यवाही केवल पीओएस (पॉइंट ऑफ सेल) मशीन के जरिए ही होना चाहिए। जहां पीओएस मशीन नहीं हैं, वहां के प्रभारी उसे तत्काल प्रयोग में लाना सुनिश्चित करें।
  • यूनिट द्वारा एक बार में एक ही वाहन को रोका जाए और उसकी चेकिंग, उसके खिलाफ कार्यवाही के बाद ही किसी दूसरे वाहन को रोका जाए। किसी भी वाहन को बिना किसी विशेष कारणों के 15 मिनट से ज्यादा न रोका जाए। अन्यथा ये माना जाएगा कि वाहन को रोकने के संबंध में यूनिट की मंशा सही नहीं हैं।
  • रात के समय अगर चैकिंग जरूरी हो तो ऐसे स्थान को चैकिंग के लिए चुना जाए, जहां रोशनी के अभाव में कोई दुर्घटना न हो। अंधेरे के समय स्टाफ के पास एलईडी बैटन और रिफलेक्टिव जैकेट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो। ये प्रभारी सुनिश्चित करेंगे।
  • चैकिंग की पूरी अवधि के दौरान कम से कम दो बॉडी वॉर्न कैमरा चालू हालत में रहें और इनमें से कम से कम एक बॉडी वॉर्न कैमरा लाइव मोड में रहे। ये प्रभारी सुनिश्चित करेंगे। हर कैमरे को अधिकारी, कर्मचारी वार आवंटित किया जाएगा। संबंधित व्यक्ति ही उस बॉडी वॉर्न कैमरे का उपयोग करेंगे। चेकिंग के दौरान रिकॉर्डिंग मोड के दो कैमरों के अलावा बाकी दूसरे कैमरे स्टैंड बाय मोड में रहेंगे।
  • अगर स्टाफ चैकिंग की कार्रवाई के दौरान किसी अन्य प्राइवेट व्यक्ति के संपर्क में आता है तो उसे नियमानुसार यह बताया जाएगा कि उसकी रिकॉर्डिंग बॉडी वॉर्न कैमरे द्वारा की जा रही है। चैकिंग की कार्यवाही का हर क्षण बॉडी वॉर्न कैमरे में रिकॉर्ड हो। प्रभारी सुनिश्चित करेंगे कि बॉडी वॉर्न कैमरा पर्याप्त रूप से चार्ज रहे। उसमें प्रतिदिन पर्याप्त स्टोरेज रहे।
  • प्रभारी सुनिश्चित करेंगे कि अगर वाहन चैकिंग के दौरान किसी वाहन के ड्रायवर और अन्य प्राइवेट व्यक्ति से वाद-विवाद होता है। तो घटना की बॉडी वॉर्न कैमरा से रिकॉर्डिंग की जाए। ताकि संबंधित के द्वारा की गई शिकायत की जांच के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों को सही स्थिति का पता चल सके।

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