Haryana Assembly : हरियाणा में बढ़ती छेड़छाड़ की घटनाओं पर विधानसभा में भिड़े जिम्मेदार
Haryana Assembly : विधानसभा में आमने-सामने हो गये डिप्टी सीएम और पूर्व शिक्षा मंत्री, जानिए क्या है पूरा मामला

Haryana Assembly : हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र का पहला दिन कई महत्वपूर्ण निर्णयों का साक्षी बना तो कई मुद्दों पर तीखी बहस के बाद ज्वलंत सवाल भी खड़े कर गया। पहले दिन जो ज्वलंत मुद्दा सरकार के सामने आया है वो है स्कूली छात्राओं के साथ छेड़खानी का। इस मुद्दे पर जींद प्रकरण को मुद्दा बनाकर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने पिछली सरकार पर छेड़खानी के आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया तो इस मुद्दे पर पूर्व शिक्षा मंत्री कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल भड़क गई और दोनों पक्षों में तीखी बहस हो गई। अब पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट के जज से कराने की बात सामने आई है। आइये जानते हैं क्या है पूरा मामला।
हरियाणा में विधानसभा के तीन दिवसीय विंटर सेशन के पहले दिन की शुरुआत काफी हंगामेदार रही। प्रश्नकाल और शून्य काल में सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने अपने-अपने सवाल उठाए। इस दौरान जींद में प्रिंसिपल के स्कूली छात्राओं से छेड़छाड़ के मामले में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल के बीच तीखी बहस हुई। झज्जर से कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने शुक्रवार को शून्यकाल में स्कूलों में बेटियों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया। उन्होंने उचाना के एक सरकारी स्कूल में छात्राओं से छेड़खानी को लेकर सरकार पर हमला बोला। इस पर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने आरोप लगाया कि 2005 और 2011 में भी आरोपी प्रिंसिपल के खिलाफ शिकायत आई थी। उन्होंने कहा साल 2011 में एफआईआर के बजाय गीता भुक्कल के झज्जर स्थित आवास पर पंचायत करके समझौता कर दिया गया था। इस आरोप पर गीता भुक्कल भड़क गईं और उनकी दुष्यंत व शिक्षा मंत्री कंवरपाल के साथ बहस शुरू हो गई।
विधानसभा अध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद बहस शांत हुई। लंच के बाद गीता भुक्कल ने जब सोशल मीडिया पर खुद पर आरोप देखे तो गुस्से में आ गईं और सदन में आकर कहा कि उप मुख्यमंत्री ने उनके खिलाफ सदन के बाहर जाकर अनाप-शनाप बयान दिए हैं। इस पर दुष्यंत ने कहा कि उन्होंने बाहर नहीं बल्कि सदन के अंदर बयान दिया है और वह अपने बयान पर कायम हैं। आरोपों से तिलमिलाई गीता भुक्कल वेल में पहुंच गईं और उप मुख्यमंत्री को चेतावनी दे डाली। बीबी बतरा, जगबीर मलिक, शमशेर गोगी व अन्य कांग्रेस विधायक भी गीता भुक्कल के समर्थन में आ गए। गीता ने दुष्यंत को आरोप के समर्थन में सबूत पेश करने को कहा। इस पर दुष्यंत ने कहा कि पंचायत में जो लोग शामिल थे, उन्होंने इसकी जानकारी दी है। दुष्यंत ने यह भी आरोप लगाया कि पंचायत के एक महीने बाद ही आरोपी प्रिंसिपल को उसी स्कूल में तैनाती कर दी गई थी।
गीता भुक्कल ने आरोपों का खंडन करते हुए सदन में कहा कि दुष्यंत चौटाला अपने आरोपों के समर्थन में सबूत दें, नहीं तो वह कानूनी कार्रवाई करेंगी। उन्होंने कहा कि कसम खाती हूं न तो मैं शिक्षक को जानती हूं और न ही कभी ऐसा काम कर सकती हूं। यह बहुत ही घटिया साजिश है। वह डरने और दबने वाली नहीं हैं। ऐसे आरोप लगाने से पहले शर्म आनी चाहिए। दुष्यंत चौटाला ने अपने आरोपों में जिस वर्ष का उल्लेख किया है उस समय वह मंत्री नहीं, केवल विधायक थी। इस मामले में मैं शपथ पत्र दूंगी।
गीता भुक्कल ने कहा कि दुष्यंत चौटाला इसके लिए माफी मांगें नहीं तो वह सदन नहीं चलने देंगी। वह बार-बार उप मुख्यमंत्री को चेतावनी दे रही थीं और पूछ थीं कि आपने किस आधार पर मेरा नाम लिया। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने उनको टोका और कहा कि आपको जो भी करना है, विधानसभा के बाहर करना लेकिन सदन में आप ऐसे धमकी नहीं दे सकतीं। हंगामा बढ़ता देख मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सदन के अंदर छींटकशी ठीक नहीं है। इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी या शिक्षा विभाग से जांच करवा सकते हैं। बाद में सभी इस पर सहमत हुए कि इसकी जांच करवाई जाए।
विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता इस संबंध में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से जांच करवाने के लिए पत्र लिखेंगे। इसी मामले में 18 दिसंबर को सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव भी रखा गया है। हम आपको बता दें कि हरियाणा के जींद में उच्चाना के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली 142 छात्राओं ने अपने ही प्रिंसिपल पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. इस मामले में आरोपी प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया गया है. पहले 60 लड़कियों ने प्रिंसिपल के खिलाफ शिकायत दी थी. अब यह आंकड़ा बढ़कर 142 हो गया है फिलहाल इस मामले में आरोपी प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया गया है